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हिमाचल: पेड़ पर चढ़ा स्पेशल ऑफिसर, देने लगा सुसाइड की धमकी, मौके पर पहुंचे विधायक और फिर...

जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) श्याम लाल ने लगभग 15 मीटर ऊंचे पाइन के पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या की धमकी दी. घटना सोमवार शाम करीब 4:30 बजे की है जब श्याम लाल ने पेड़ पर चढ़कर नीचे आने से मना कर दिया और आसपास से गुजर रहे लोगों को चेतावनी दी कि अगर कोई उनके पास आएगा तो वह रस्सी से फांसी ले लेंगे.

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SPO जम्मू-कश्मीर में तैनात है
SPO जम्मू-कश्मीर में तैनात है

हिमाचल प्रदेश के बनिहेत में एक हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. यहां जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) श्याम लाल ने लगभग 15 मीटर ऊंचे पाइन के पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या की धमकी दी. घटना सोमवार शाम करीब 4:30 बजे की है जब श्याम लाल ने पेड़ पर चढ़कर नीचे आने से मना कर दिया और आसपास से गुजर रहे लोगों को चेतावनी दी कि अगर कोई उनके पास आएगा तो वह रस्सी से फांसी ले लेंगे. यह घटना बनिहेत के पास हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर स्थित जिला दालहौजी के इलाके में हुई.

स्थानीय लोग इस घटना से दंग रह गए और उन्होंने गांव के मुखिया को सूचना दी, जिसने पुलिस और फायर ब्रिगेड को बुलाया. मौके पर पुलिस कर्मी और फायर ब्रिगेड के लोग पहुंचे, जिनमें रेस्क्यू के लिए नेट बिछाए गए और पेड़ पर सीढ़ी लगाई गई. टीमों ने सावधानी से SPO से संपर्क बनाए रखा. लगभग पांच घंटे तक पेड़ पर रहने के बाद SPO तब नीचे उतरे, जब पुलिस ने काठुआ के बानी से विधायक रमेश्वर सिंह को बुलाया.

बानी (कठुआ, जम्मू-कश्मीर) से बनिहेत की दूरी लगभग 68 किलोमीटर है, जो सड़क मार्ग से लगभग 2 घंटे की दूरी है. विधायक रमेश्वर सिंह लगभग रात 9:20 बजे पहुंचे. SPO श्याम लाल ने विधायक को बताया कि पहले उन्हें ₹18,000 वेतन मिलता था, जिसमें उन्होंने कई जोखिम और कठिनाइयां सहीं. पर अब उनका वेतन घटाकर केवल ₹4,000 कर दिया गया है. उन्होंने कहा, “हमने सबसे मुश्किल दौर में भी काम किया, मेरा बच्चा चंडीगढ़ में है, हमने कर्ज लिया है, लेकिन अब हमारी तनख्वाह मात्र ₹4,000 रह गई है, इससे रोजमर्रा की जिंदगी कैसे चलेगी.”

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आर्थिक तंगी के कारण SPO ने यह कदम उठाया. इस पर बानी MLA ने कहा, “यह कदम सही नहीं था, लेकिन उन्होंने यह कदम उठाने के लिए हिमाचल तक आना पड़ा. जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है, इसलिए वेतन का निर्णय केंद्र सरकार के पास है. कोरोना महामारी के बाद वेतन कम कर दिया गया.”

स्थानीय अधिकारी SPO की दुर्दशा से प्रभावित हुए और उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से SPO के वेतन एवं अन्य समस्याओं को लेकर बात करने की बात कही. घटना के बाद किसी भी तरह का मामला दर्ज नहीं किया गया. SPO को मेडिकल जांच के बाद विधायक के साथ जम्मू-कश्मीर लौटने की अनुमति दी गई. पुलिस ने यह भी जांच की कि क्या उन्होंने कोई नशीला पदार्थ लिया है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इसे खारिज कर दिया.

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