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मौत के 4 दिन बाद भी अब तक क्यों नहीं हुआ IPS पूरन का पोस्टमार्टम, IAS पत्नी ने रखी चार मांगें

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के चौथे दिन भी उनके परिवार ने पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया है. पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है. परिवार ने एफआईआर के बाद भी चार मांगें रखी हैं और कहा है कि पहले न्याय चाहिए फिर उनकी अंतिम विदाई होगी.

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IPS पूरन का अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार (Photo: Screengrab)
IPS पूरन का अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार (Photo: Screengrab)

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिजन अब तक पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं हैं. परिवार का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वाई पूरन कुमार का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. 

इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और 12 अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, लेकिन परिवार का आरोप है कि अब तक उनकी सिर्फ 'एक मांग' ही पूरी हुई है.

आईएएस अमनीत पी. कुमार ने सीएम को सौंपा पत्र

आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक विस्तृत पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने अपने पति के साथ हुई प्रशासनिक और जातिगत प्रताड़ना को विस्तार से लिखा है. उन्होंने लिखा कि वाई पूरन कुमार एक 'ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ और साहसी अधिकारी' थे, जिन्होंने समाज के कमजोर तबकों, खासकर अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आवाज उठाई थी.

आईएएस अमनीत कुमार ने अपने पत्र में कहा कि उनके पति की मौत सिर्फ एक पारिवारिक त्रासदी नहीं बल्कि 'न्याय और शासन में विश्वास की परीक्षा' है. उन्होंने लिखा कि न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के समान है. अमनीत का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने में 48 घंटे से ज्यादा की देरी सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि जिन अधिकारियों पर नामजद आरोप थे, वो प्रभावशाली पदों पर बैठे हैं.

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उन्होंने यह भी आशंका जताई कि शिकायत दर्ज कराने के बाद उनके परिवार को धमकी दी जा सकती है या झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश हो सकती है. 

परिवार ने प्रशासन और सरकार के सामने रखी चार प्रमुख मांगें

1.सभी नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी और निलंबन
2.पत्नी और दो बेटियों को स्थायी सुरक्षा,
3.परिवार की गरिमा और अधिकारों की रक्षा
4.निष्पक्ष और पारदर्शी जांच

न्याय मिलने के बाद ही अंतिम संस्कार

पूरन कुमार का परिवार इस बात पर अडिग है कि जब तक दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, वो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले में संवेदना जताई है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है.

इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक तंत्र को हिला कर रख दिया है. एक तरफ अधिकारियों में सन्नाटा है, वहीं दूसरी ओर सामाजिक संगठनों ने भी अमनीत कुमार की मांगों के समर्थन में आवाज़ उठाई है, ताकि वाई पूरन कुमार को उनकी सेवा और त्याग के अनुरूप न्याय मिल सके.

 

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