गुजरात पुलिस के सेंटर ऑफ साइबर एक्सलेंस (CCoE) की टीम ने देशव्यापी साइबर ठगी के एक बड़े षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में दो बैंक कर्मचारियों सहित कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने 110 बैंक खाते खोलकर ₹719 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की रकम चीन और दुबई भेजी.
सेंटर ऑफ साइबर एक्सलेंस के एसपी राजदीप सिंह झाला ने बताया कि भावनगर के इंडसइंड बैंक में गरीब लोगों के 110 खाते खोले गए और दूसरे बैंकों के 130 बैंक खातों से 719 करोड़ रुपये की राशि के साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ.
करोड़ों रुपये की इस साइबर धोखाधड़ी में साइबर अपराधियों ने निवेश धोखाधड़ी, यूपीआई धोखाधड़ी, ऋण धोखाधड़ी, कार्य धोखाधड़ी, डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी, जमा धोखाधड़ी, अंशकालिक नौकरी धोखाधड़ी और कॉल धोखाधड़ी सहित आठ तरीकों का इस्तेमाल किया.
चीन-दुबई में 719 करोड़ रुपये भेजने के घोटाले में पुलिस ने 2 बैंक कर्मचारियों अबूबकर शेख और पार्थ उपाध्याय समेत 10 आरोपियों को भावनगर से गिरफ्तार किया. भावनगर के इंडसइंड बैंक के 2 कर्मचारियों द्वारा 6 महीने में खोले गए 110 खातों में से 109 खातों में 100 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया.
मास्टरमाइंड दिव्यराज सिंह जाला दुबई में चीनी गिरोह के लिए म्यूल बैंक खाते खोलता था और चेक, एटीएम या ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए पैसे निकालता था और उस पैसे को आंगड़िया और हवाला के जरिए अन्य आरोपियों तक पहुंचाता था.
बैंक कर्मचारी अबूबकर और पार्थ का फायदा उठाकर दिव्यराज सिंह ने उन दोनों से मदद ली. ये दोनों 1 लाख रुपये के लेनदेन पर 750 रुपये का कमीशन लेते थे.
शुरुआती जांच में पुलिस ने पाया कि दिव्यराज सिंह ने बैंक की भावनगर शाखा में महज 6 महीने में 110 म्यूल खाते खोले थे. इनमें से दोनों ने 6 महीने में 75 लाख रुपए कमीशन ले लिया था.
26 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में दर्ज मामले
यह साइबर धोखाधड़ी देश के 26 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़ी है, जिसमें कुल 1594 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
| राज्य | केस की संख्या |
| महाराष्ट्र | 300 |
| तमिलनाडु | 203 |
| कर्नाटक | 194 |
| तेलंगाना | 128 |
| गुजरात | 97 |
| केरल | 91 |
| उत्तर प्रदेश | 88 |
| दिल्ली | 74 |
| आंध्र प्रदेश | 64 |
| पश्चिम बंगाल | 60 |
| राजस्थान | 42 |
| अन्य राज्य | 253 |