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दुबई में साइबर गैंग से मिला, लौटकर कुछ ही महीनों में बना ली करोड़ों की प्रॉपर्टी, लग्जरी कारें और कैश बरामद

अहमदाबाद साइबर क्राइम ने छात्र संगठन से जुड़े अर्शमन खान बलोच को साइबर फ्रॉड के आरोप में अरेस्ट किया गया है. आरोप है कि बलोच ने विदेश में बैठे साइबर जालसाजों को स्थानीय लोगों के 11 बैंक खाते उपलब्ध कराए. आरोपी का यह धंधा दुबई यात्रा के बाद शुरू हुआ. उसके पास से तमाम लग्जरी कारें और प्रॉपर्टी मिली है.

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साइबर सेल ने आरोपी को किया अरेस्ट. (Photo: Screengrab)
साइबर सेल ने आरोपी को किया अरेस्ट. (Photo: Screengrab)

गुजरात में अहमदाबाद साइबर क्राइम ने साइबर फ्रॉड मामले में बड़ा खुलासा किया है. छात्र संगठन से जुड़े भावनगर जिला अध्यक्ष अर्शमन खान बलोच को साइबर ठगी रैकेट में शामिल होने के आरोप में अरेस्ट किया है. आरोप है कि उसने विदेश में बैठे साइबर जालसाज़ों को स्थानीय लोगों के 11 बैंक खाते उपलब्ध कराए. वह फ्रॉड की रकम 25 प्रतिशत कमीशन लेकर बाकी आगे भेजता था.

कुछ समय पहले अहमदाबाद साइबर क्राइम में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि इनवेस्टमेंट का झांसा देकर उससे 47.50 लाख रुपये की ठगी की गई. इसी मामले की जांच के दौरान पुलिस को आरोपी तक पहुंचने का सुराग मिला. लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस ने भावनगर जिले में छापेमारी कर अर्शमन खान बलोच को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी कंस्ट्रक्शन व्यवसाय से जुड़ा है.

दुबई यात्रा में जुड़े साइबर फ्रॉड गैंग से तार

ACP हार्दिक माकडिया के मुताबिक, कुछ समय पहले दुबई यात्रा के दौरान आरोपी एक साइबर ठगी गिरोह के संपर्क में आया. लौटने के बाद उसने गिरोह के लिए 'खाते का इंतजाम' करने का धंधा शुरू कर दिया. आरोपी ने स्थानीय लोगों के 11 बैंक खाते साइबर ठगों को उपलब्ध करवाए. इन खातों का उपयोग भारत में ठगी की रकम उतरवाने के लिए किया जाता था.

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यह भी पढ़ें: विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी, असिस्टेंट बैंक मैनेजर समेत तीन गिरफ्तार, साइबर गैंग का पर्दाफाश

बैंक खाते में रकम आने पर आरोपी इसे अंगड़िया सिस्टम के जरिए कैश में हासिल करता था. 25 प्रतिशत कमीशन रखकर बाकी रकम विदेश भेज देता था. जांच में सामने आया कि आरोपी ने करोड़ों रुपये की काली कमाई की. आरोपी के पास से बीएमडब्ल्यू, फॉर्च्यूनर, थार और इनोवा जैसी लग्जरी कारें भी बरामद हुई हैं.

पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि आरोपी को ठगी की रकम में से 1.5 करोड़ रुपये माध्यम से मिले थे. पुलिस अब उसकी संपत्ति की जांच कर रही है कि कब और कैसे उसने इतनी जल्दी इतनी बड़ी संपत्ति खड़ी कर ली. साइबर क्राइम टीम अब उन सभी बैंक खातों की जांच कर रही है, जिन्हें आरोपी ने साइबर ठगों को बेचा था. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है.

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