दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गैर मौजूदगी में झंड़ा फहराने को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इस मामले पर आप नेता मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री या मंत्रियों को ही झंडा फहराना चाहिए, लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे पावन अवसर पर तुच्छ राजनीति हो रही है.
दिल्ली में झंडा फहराने को लेकर चल रहे विवाद पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सुकेश की चिट्ठी से LG का रोम-रोम पुलकित हो उठता है, लेकिन एक सीटिंग मुख्यमंत्री की चिट्ठी के लिए वे तिहाड़ DG को बोलते हैं कि खबरदार जो चिट्ठी भेजी तो.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता दिवस जैसे पावन अवसर पर तुच्छ राजनीति हो रही है. जेल में बंद महाठग सुकेश जब चिट्ठियां लिखता है तो तिहाड़ प्रशासन बकायदा उपराज्यपाल को सबमिट करता है और LG उस पर कार्रवाई करते हैं. लेकिन जब दिल्ली के मुख्यमंत्री चिट्ठी लिखते हैं तो उपराज्यपाल कहते हैं कि ख़बरदार जो चिट्ठी भेजी. पर जब सुकेश चिट्ठी लिखता है तो ऐसा लगता है कि पूरा उपराज्यपाल का पूरा ऑफिस उसकी चिट्ठी का इंतजार करता है.
'सुकेश की चिट्ठी...'
उन्होंने कहा कि सुकेश की चिट्ठी पर उपराज्यपाल को प्यार उमड़ता है. उसके एक-एक शब्द को वे ब्रह्म वाक्य मानते हैं. सुकेश की चिट्ठी देखकर उनकी बांछें खिला जाती है और उनका रोम-रोम पुलकित हो उठता है.
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस इतना महान अवसर है. उसके बारे में अगर दिल्ली के सिटिंग CM ने चिट्ठी लिखी है तो LG ऑफिस को DG ऑफिस को फोन करना चाहिए था और पूछना चाहिए था कि सीएम ने कोई चिट्ठी लिखी है क्या. लेकिन इन्हें स्वतंत्रता दिवस से क्या लेना-देना, देश से क्या लेना-देना, इनके प्रेमी सुकेश जैसे लोग ही हैं.
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'चुनी हुई सरकार को फहराना चाहिए झंडा'
सिसोदिया ने आगे कहा कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री या मंत्री को ही झंडा फहराना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि इसमें कहीं कोई दिक्कत है. लेकिन मौजूदा उपराज्यपाल और उनके मुखिया से लोकतंत्र और संविधान की अपेक्षा करना बेमानी है. इनसे केवल तानाशाही की ही अपेक्षा की जा सकती है और वो काम वह कर रहे हैं.
सरकार को झंडा फहराने का है हक: सौरभ भारद्वाज
AAP के एक और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि झंडे फहराने जैसे काम को लेकर विवाद नहीं होनी चाहिए... सरकार को झंडा फहराने का हक है... मंत्री झंडा फहरा सकता है. विभाग अगर सरकार की नहीं सुनता तो ये चिंता की बात है... पर्दे के पीछे एक आदमी की इच्छा है कि वो झंडा फहराए... वही आदमी और उसकी इच्छा इस विवाद के पीछे है.
GAD ने खारिज किया केजरीवाल का प्रस्ताव
वहीं, दिल्ली सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) ने केजरीवाल के आतिशी के झंडा फहराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसके बाद अब यह साफ हो गया है कि आतिशी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहरा सकेंगी. इस प्रस्ताव को खारिज करते समय नियमों का हवाला दिया गया है.
जीएडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन कुमार चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश कानूनी रूप से अवैध हैं, जिन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता. जेल नियमों के अनुसार इसकी इजाजत नहीं है.