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दिल्ली दंगों के आरोप शरजील इमाम को नहीं मिली राहत, अंतरिम जमानत याचिका खारिज

दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह के मामले में आरोपी शरजील इमाम को बड़ा झटका देते हुए उसकी अंतरिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी. दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी शारजील इमाम के साथ जेल में मारपीट के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तिहाड़ के जेल अधीक्षक और डिप्टी जेल सुपरिंटेंडेंट को कोर्ट में आ कर स्पष्टीकरण देने को कहा है.

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शरजील इमाम. -फाइल फोटो
शरजील इमाम. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2020 में हुए दिल्ली दंगे मामले में आरोपी है शरजील
  • मामले में अब एक अगस्त को होगी अगली सुनवाई

पूर्वी दिल्ली जिला की कड़कड़डूमा कोर्ट ने जामिया, एएमयू, गया और आसनसोल में दिए गए भाषणों से उपजे देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. इमाम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी जिसने देशद्रोह के सभी मामलों की सुनवाई पर रोक लगा दी थी.

वहीं, शरजील इमाम पर हमले के आरोप के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने जेल की कोठरी के अंदर शरजील पर हमले के सीसीटीवी फुटेज देखा. वीडियो में शरजील को धक्का-मुक्की करते हुए दिखाया गया है. कोर्ट ने अब तिहाड़ जेल के जेल अधीक्षक को 1 अगस्त को कोर्ट में पेश होने और मारपीट के आरोप पर जवाब देने को कहा है.

कड़कड़डूमा कोर्ट अब 1 अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगा. उस दिन तिहाड़ के जेल अधीक्षक और उप अधीक्षक हाजिर होकर अपनी बात कहेंगे और कोर्ट के सवालों के जवाब देंगे. 
 
दरअसल, इमाम ने हाल ही में आरोप लगाया था कि तिहाड़ जेल के सहायक अधीक्षक ने आठ से 10 लोगों के साथ 30 जून को उनके सेल में उनके साथ मारपीट की थी. आरोप लगाया था कि जेल के सहायक अधीक्षक ने शरजील इमाम को आतंकवादी और देशद्रोही भी कहा था. शरजील की दलील थी कि आरोप सिद्ध हुए बगैर उसे ऐसे शब्द कहना गैर कानूनी है.

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शरजील इमाम पर क्या है आरोप

शरजील इमाम पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था.

 

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