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सुकमा में बड़ी मुठभेड़, 15 लाख के इनामी तीन नक्सली ढेर, 2 महिला भी शामिल

सुकमा में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. रविवार सुबह भीषण मुठभेड़ में 15 लाख रुपये इनामी तीन नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें दो महिला माओवादी शामिल थीं. घटना टुमलपाड़ के घने जंगलों में हुई, जहां DRG टीम को माओवादी गतिविधियों की सूचना मिली थी. मौके से हथियारों और विस्फोटकों का बड़ा जखीरा मिला है. पुलिस का दावा है कि बस्तर में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है.

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मुठभेड़ में मारे गए 3 नक्सली (Photo: Representational)
मुठभेड़ में मारे गए 3 नक्सली (Photo: Representational)

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन बड़े माओवादी कमांडर मारे गए. इन पर कुल 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था. यह मुठभेड़ बेज्जी और चिंतागुफा थाना क्षेत्रों की सीमा से लगे टुमलपाड़ गांव के पहाड़ी जंगलों में हुई, जहां District Reserve Guard (DRG) की टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी.

मुठभेड़ के बाद तीन शव बरामद

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक सुकमा के एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि सुबह DRG टीम को इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी. इसके बाद जवान जंगलों में आगे बढ़े, जहां माओवादी पहले से घात लगाए बैठे थे. दोनों पक्षों के बीच कई घंटों तक रुक-रुक कर गोलीबारी चलती रही. मुठभेड़ खत्म होने के बाद मौके से तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जिनमें दो महिलाएं थीं.

मारे गए नक्सलियों की पहचान एरिया कमेटी सदस्य मड़वी देवा, CNM (चे‍तना नाट्य मंडली) कमांडर पोडियाम गंगी और किस्टाराम एरिया कमेटी सदस्य सोढ़ी गंगी के तौर पर हुई है. तीनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस के अनुसार मड़वी देवा एक कुख्यात स्नाइपर था और कई निर्दोष ग्रामीणों की हत्या में शामिल रहा था.

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मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद

मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL), गोलाबारूद और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है. सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है और आसपास के जंगलों में माओवादियों की तलाश जारी है.

बस्तर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल सुन्दरराज पट्टीलिंगम ने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद अब अपने 'अंतिम चरण' में पहुंच चुका है. उन्होंने बताया कि इस साल अब तक केवल बस्तर रेंज में ही 233 नक्सली मारे जा चुके हैं, जबकि पूरे छत्तीसगढ़ में यह संख्या 262 हो चुकी है. इसके अलावा बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.

बीते महीने लगभग 300 नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण किया था जबकि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में वरिष्ठ नक्सली भूपति समेत 60 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं. केंद्रीय सरकार मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है.

 

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