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मोहब्बत का डरावना अंजाम... मोमोस खिलाने के बहाने बुलाया, फिर हत्या कर जलाया, खुद ही गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंच गया प्रेमी

दुर्ग के पुरई गांव में मिली अधजली महिला की लाश का रहस्य पुलिस ने 24 घंटे में सुलझा लिया. मृतका उर्मिला निषाद की हत्या उसके शादीशुदा प्रेमी विजय बांधे ने की थी. विवाह के दबाव और लगातार विवादों से परेशान विजय ने उसे मोमोज खिलाने के बहाने बुलाया, चापर से हमला कर पेट्रोल डाल आग लगा दी. बाद में शक हटाने वह खुद गुमशुदगी रिपोर्ट लिखवाने पहुंचा. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

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विजय और उर्मिला एक दूसरे को अच्छे से जानते थे (Photo:ITG)
विजय और उर्मिला एक दूसरे को अच्छे से जानते थे (Photo:ITG)

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक प्रेम प्रसंग का अंत ऐसा हुआ, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. दो-तीन साल से साथ काम कर रहे दो शादीशुदा लोगों का रिश्ता मनमुटाव, तनाव और अविश्वास के बीच इस कदर बिगड़ा कि मामला सीधे हत्या तक पहुंच गया. कहानी शुरू होती है एक अधजली लाश से और खत्म होती है उसी व्यक्ति की गिरफ्तारी पर, जिसने हत्या करने के बाद खुद पुलिस थाने जाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी.

दुर्ग जिले के उतई थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह ग्राम पुरई के पास करगाडीह पऊवारा नहर किनारे बने खेल मैदान में एक महिला का अधजला शव मिलने की खबर पूरे इलाके में सनसनी की तरह फैल गई. कोटवार केवलदास मानिकपुरी ने शव देखकर तुरंत पुलिस को सूचना दी. शुरुआती जांच में न तो पहचान हो पाई, न ही कोई गवाह मिला. पुआल और पराली के बीच अधजला शव पड़ा था, इसलिए यह साफ था कि हत्या कहीं और नहीं, इसी जगह की गई है और पहचान छिपाने के इरादे से लाश जलाने की कोशिश भी की गई है. फील्ड यूनिट, एफएसएल टीम और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंचे. लेकिन चूंकि महिला की पहचान स्पष्ट नहीं थी, पुलिस ने इसे ‘ब्लाइंड मर्डर’ मानते हुए कई टीम गठित कीं. एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर छह विशेष टीमें रातभर जांच में लगी रहीं. आसपास के गांवों में गुमशुदगी की रिपोर्टों की पड़ताल हुई, कैमरे खंगाले गए, मोबाइल लोकेशन देखी गई और अंततः धागा उस व्यक्ति तक पहुंच गया जिसने खुद को पीड़ित का परिचित बताकर सुपेला थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी.

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मामला उलझा फिर अचानक एक नाम सामने आया

पता चला कि सुपेला इलाके की रहने वाली उर्मिला निषाद (30) की गुमशुदगी रिपोर्ट उसके परिचित और सहकर्मी विजय बांधे ने ही लिखाई है. पुलिस ने जब विजय को पूछने के लिए बुलाया, तो उसकी बातें शुरू से ही बेमेल लगीं. वह बार-बार बयान बदल रहा था और घटनाक्रम बताने में हिचक भी दिख रही थी. तकनीकी टीम ने जब उसका मोबाइल लोकेशन व मूवमेंट खंगाला, तो कई सवाल खड़े हुए. देर रात पूछताछ के दौरान पुलिस के सवालों का दबाव बढ़ा और आखिरकार विजय टूट गया. उसने पूरे मामले की कहानी साफ-साफ बता दी.

दोनों शादीशुदा थे, लेकिन संबंध गहरा हो गया था

विजय के अनुसार वह केटरिंग का काम करता है, जहां उर्मिला पिछले कुछ वर्षों से काम कर रही थी. साथ काम करते-करते दोनों करीब आए और रिश्ता भावनात्मक होते-होते प्रेम संबंध तक पहुंच गया. हालांकि रिश्ता एकतरफा दबाव और मनमुटाव में बदलता गया. विजय शादीशुदा था और उसकी पत्नी गर्भवती थी. इसके बावजूद उर्मिला उस पर विवाह का दबाव बना रही थी. इसी मुद्दे पर दोनों के बीच कई बार झगड़े हुए. पैसों को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया था. विजय ने पुलिस को बताया कि उर्मिला ने हाल के दिनों में उसे सार्वजनिक रूप से कई बार अपमानित किया, जिससे तनाव और बेइज्जती की भावना बढ़ती गई. इसी गुस्से और दबाव के चलते उसने हत्या की साजिश रच ली.

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मोमोस का पैकेट, सुनसान मैदान और पहले से खरीदा हुआ चापर

रविवार की शाम विजय ने उर्मिला को काम के बहाने बाइक से अपने साथ बुलाया. दोनों उतई की तरफ निकले. रास्ते में उसने मोमोस और पकौड़ा पैक करवाया ताकि किसी को शक न हो कि वह उर्मिला को किसी बहाने सुनसान जगह ले जा रहा है. खेल मैदान को उसने इसलिए चुना क्योंकि शाम के समय वहां कोई नहीं रहता और पास ही नहर है, जहां आना-जाना कम होता है. जब दोनों मैदान पहुंचे, तो दोनों के बीच पहले से चल रहे विवादों पर बात शुरू हुई और थोड़ी ही देर में बहस गर्म हो गई. इसी बीच विजय ने अपने बैग में रखे धारदार चापर से अचानक उर्मिला पर वार कर दिए. पहले गले पर, फिर शरीर पर कई बार हमला किया. उर्मिला वहीं गिर गई. इसके बाद जिस साजिश की तैयारी पहले से की गई थी, उसे अंजाम देने का वक्त आया. विजय बोतल में लाया पेट्रोल उर्मिला के शरीर पर उड़ेल दिया और आग लगा दी. पास की पराली भी उसने उसी आग में फेंकी, ताकि शव पूरी तरह जलकर पहचान मिट जाए. इसके बाद वह सीधे अपने गांव करगाडीह लौट गया, जैसे कुछ हुआ ही न हो.

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हत्या के बाद बना ‘चिंतित प्रेमी’, खुद जाकर गुमशुदगी दर्ज कराई

अगले दिन सुबह विजय सुपेला थाने पहुंचा और उर्मिला के नहीं मिलने का नाटक करते हुए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. उसका मकसद साफ था शक खुद से दूर करना और खुद को सहयोगी दिखाना. लेकिन पुलिस पहले से उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी. जैसे ही थाने से बाहर निकला, तकनीकी और फील्ड टीम के इनपुट के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. पूछताछ में उसके बयानों की उलझन, मोबाइल लोकेशन और घटना स्थल के सुबूतों ने पूरा सच खोल दिया. विजय ने अंततः मान लिया कि उसी ने उर्मिला की हत्या की और शव को जलाकर पहचान मिटाने की कोशिश की.

कपड़ों पर खून, हथियार, पेट्रोल की बोतल

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विजय के घर और आस-पास तलाशी ली. उसके कपड़ों पर खून के निशान मिले, जिन्हें उसने छिपाने की कोशिश की थी. घटना में इस्तेमाल किया गया चापर बरामद हुआ. पेट्रोल डालने वाली बोतल और अन्य सामग्रियां भी पुलिस ने जब्त कीं. एफएसएल की टीम ने स्थल से मिले अवशेषों और आरोपी के कपड़ों का मिलान किया, जिससे पूरे घटनाक्रम की पुष्टि हो गई.

प्रेम कहानी नहीं, तनाव और अविश्वास की त्रासदी

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पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह मामला सिर्फ प्रेम प्रसंग का नहीं था. यह उस तनाव, असुरक्षा और अविश्वास का नतीजा है, जो लंबे समय से दोनों के बीच बढ़ता जा रहा था. विवाद इतने गहरे हो गए थे कि आरोपी ने अत्यधिक कदम उठाने का फैसला कर लिया. उसने न सिर्फ हत्या की, बल्कि सबूत मिटाने और खुद को निर्दोष दिखाने की तैयारी भी पहले से कर रखी थी.

एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि उतई थाना क्षेत्र में जली हुई अवस्था में एक महिला का शव मिला था. शव की पहचान मुश्किल थी, इसलिए छह टीम गठित की गईं. तकनीकी जांच में एक संदेही तक पहुंच मिली. वही व्यक्ति गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने सुपेला थाने पहुंचा था. पूछताछ में उसने बताया कि दोनों परिचित थे और महिला शादी का दबाव बना रही थी. विवाद बढ़ने पर उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गया. रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद जब वह थाने से बाहर निकला, पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया.

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