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दंतेवाड़ा में 26 नक्सलियों ने किया सरेंडर, जनमिलिशिया कमांडर ने भी डाले हथियार

दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को 26 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सामने सरेंडर कर दिया. इनमें से तीन इनामी नक्सली और जनमिलिशिया कमांडर भी शामिल है जिस पर तीन लाख रुपये का इनाम था. बीते पांच सालों में छत्तीसगढ़ में अब तक 953 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. इस अभियान में CRPF की 111वीं, 195वीं, 230वीं और 231वीं बटालियन और स्थानीय खुफिया इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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यह सांकेतिक तस्वीर है
यह सांकेतिक तस्वीर है

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को 26 नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया.

पुलिस के अनुसार, इन नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा की 'खोखली और अमानवीय' प्रकृति, जंगल में कठोर जीवन और संगठन के भीतर बढ़ती आपसी कलह से परेशान होकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक दंतेवाड़ा के एसपी गौरव रॉय ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली जनमिलिशिया, रिवोल्यूशनरी पार्टी कमेटी (RPC), जनताना सरकार और इसके मोर्चा संगठनों जैसे दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघठन (DAKMS) और चेतना नाट्य मंडली (CNM) से जुड़े हुए थे.

इन 26 नक्सलियों में तीन इनामी भी शामिल हैं. राजेश कश्यप, जो आमदई क्षेत्र में जनमिलिशिया कमांडर था, उस पर 3 लाख का इनाम था. वहीं, जनताना सरकार स्क्वाड के प्रमुख कोसा मड़वी पर 1 लाख और CNM के सदस्य छोटू कुंजाम पर 50,000 का इनाम घोषित था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस आत्मसमर्पण अभियान में CRPF की 111वीं, 195वीं, 230वीं और 231वीं बटालियन और स्थानीय खुफिया इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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पुलिस के अनुसार, जून 2020 में शुरू किए गए 'लोन वर्राटू' (स्थानीय गोंडी भाषा में इसका अर्थ होता है "अपने घर लौटो") अभियान के तहत अब तक कुल 953 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, जिनमें से 224 पर इनाम घोषित था.

 

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