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शेल्टर होम केस: CBI ने सौंपी रिपोर्ट, 25 DM पर कार्रवाई की सिफारिश

सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि अफसरों का नाम सामने नहीं आया है. इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकती है.

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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की फाइल फोटो (IANS)
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की फाइल फोटो (IANS)

  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में चल रहा केस
  • 14 जनवरी को अदालत सुना सकती है फैसला

बिहार के 17 शेल्टर होम में यौन शोषण के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंप दी है. सीबीआई ने 25 डीएम और 71 अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की है. हालांकि अफसरों का नाम सामने नहीं आया है. इस मामले में 14 जनवरी को कोर्ट फैसला सुना सकती है.

पिछले महीने दिल्ली की एक अदालत ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म मामले में फैसले को 14 जनवरी तक के लिए टाल दिया था. फैसले को विशेष पॉक्सो जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने की वजह से टाला गया. मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 20 आरोपियों को लिंक जज के समक्ष पेश किया गया था.

कोर्ट ने मामले में 30 सितंबर को अंतिम बहस पूरी कर ली थी और मामले में अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने आरोपी व्यक्तियों पर आपराधिक साजिश के साथ दुष्कर्म और अलग-अलग अरोप लगाए हैं. बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर पर पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं. ठाकुर, मामले में प्रमुख आरोपी है. आरोपियों में उसके शेल्टर होम के कर्मचारी व बिहार डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वेलफेयर के अधिकारी शामिल हैं. यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की एक रिपोर्ट के बाद सामने आया था.

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टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट के आधार पर ही मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रह रही बच्चियों को पटना और मोकामा के साथ अन्य बालिका गृह में ट्रांसफर किया गया और साथ ही अनियमितता को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. इस मामले में पिछले साल हड़कंप तब मचा जब मेडिकल रिपोर्ट में 42 में से 34 बच्चियों से दुष्कर्म की पुष्टि हो गई. दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद यह मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस पूरे मामले को ही बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया.

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