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विधानसभा में सबसे बड़े राजनीतिक दल का दर्जा खोने का डर? क्यों सुधाकर सिंह पर कार्रवाई से कन्नी काट रही है RJD ?

सुधाकर सिंह लगातार नीतीश कुमार के कार्यशैली और नीतियों को लेकर उन पर निजी हमले तक कर रहे हैं तो सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों आरजेडी उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है? वह भी तब जब जनता दल यूनाइटेड ने साफ तौर पर कह दिया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ सुधाकर सिंह की बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

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सुधाकर सिंह (फाइल फोटो)
सुधाकर सिंह (फाइल फोटो)

आरजेडी विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आग उगल रहे हैं मगर इसके बावजूद भी आरजेडी उन पर कार्रवाई करने से बच रही है.

सवाल यह उठता है कि जब सुधाकर सिंह लगातार नीतीश कुमार के कार्यशैली और नीतियों को लेकर उन पर निजी हमले तक कर रहे हैं तो आखिर क्यों आरजेडी उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है ? वह भी तब जब जनता दल यूनाइटेड ने साफ तौर पर कह दिया है कि नीतीश कुमार के खिलाफ सुधाकर सिंह की बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आरजेडी को अल्टीमेटम भी दिया है कि वह अपने बड़बोले विधायक के खिलाफ कार्रवाई करें.

ऐसे में जो बात निकल कर आ रही है कि आरजेडी दरअसल सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने से इसीलिए कन्नी काट रही है क्योंकि उसे डर है कि अगर सुधाकर सिंह को पार्टी से निकाला जाता है तो फिर बिहार विधानसभा में आरजेडी की हैसियत जो सबसे बड़े राजनीतिक दल की है वह चली जाएगी.

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दरअसल, बिहार विधानसभा में आरजेडी 79 विधायकों के साथ सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है जिसके बाद 78 विधायकों के साथ बीजेपी नंबर दो पर आती है.

ऐसे में अगर आरजेडी सुधाकर सिंह पर कार्यवाही करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित करती है या फिर निष्कासित करती है तो विधानसभा में पार्टी की संख्या 79 से घटकर 78 पर आ जाएगी जो कि बीजेपी के बराबर हो जाएगी. ऐसे में आरजेडी को सबसे बड़े राजनीतिक दल का दर्जा जो विधानसभा में मिला है वह भी चला जाएगा और बीजेपी के साथ वह साझा रूप से सबसे बड़ी पार्टी होगी. गौरतलब है, सुधाकर सिंह को अगर आरजेडी से निलंबित या निष्कासित किया जाता है तो विधानसभा में उन्हें एक निर्दलीय विधायक के रूप में पहचान मिलेगी.


 

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