scorecardresearch
 

फैक्ट चेक: पटना में नेपाल जैसा प्रदर्शन? नहीं, बवाल का ये वीडियो राजस्थान का है

लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो गांधी मैदान का है और न ही इसका बिहार से कोई संबंध है. ये राजस्थान के पाली जिले का वीडियो है. 

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
पटना के गांधी मैदान में जनता ने सरकार के खिलाफ नेपाल के Gen-Z जैसा विरोध प्रदर्शन किया.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
वीडियो न तो गांधी मैदान का है और न ही इसका बिहार से कोई संबंध है. ये राजस्थान के पाली जिले का वीडियो है. 

नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम बन गए हैं. आज यानि 20 नवंबर को उन्होंने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ समारोह, पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुआ.

इसी गांधी मैदान का बताकर इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोगों की भारी भीड़ इधर-उधर भागते नजर आ रही है. भीड़ में कुछ पुलिसकर्मी भी दिख रहे हैं. ऐसा लगता है पुलिस ने ही भीड़ तितर-बितर की है. 

कहा जा रहा है कि गांधी मैदान में जनता ने सरकार के खिलाफ नेपाल जैसा विरोध प्रदर्शन किया.

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है कि “बिहार में दंगा शुरू हो गया. बिहारी है बाबू कुछ भी हो सकता है BJP क्या चीज है रे”. 

लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो न तो गांधी मैदान का है और न ही इसका बिहार से कोई संबंध है. ये राजस्थान के पाली जिले का वीडियो है. 

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को गूगल लेंस की मदद से सर्च करने पर ये हमें ‘rj22_chandawal’ नाम के एक इंस्टाग्राम पेज पर मिला. यहां इसे 8 नवंबर को शेयर किया गया था. इसी दिन इस पेज से एक और वीडियो भी शेयर किया गया था जिसमें भीड़, पुलिस पर पथराव करते दिख रही है. 

Advertisement

इस अकाउंट के बायो में एक फोन नंबर दिया हुआ है. संपर्क करने पर हमारी बात विनोद से हुई. उन्होंने हमें बताया कि ये वीडियो राजस्थान के पाली जिले का है जहां कुछ दिनों पहले देवासी समाज के एक आंदोलन में प्रदर्शकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी.

इस आधार पर खोजने पर हमें ‘द खटक’ नाम के राजस्थान के एक न्यूज पोर्टल की एक वीडियो रिपोर्ट मिली. 7 नवंबर की इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाली जगह देखी जा सकती है.

वीडियो के कैप्शन में लिखा है कि “पाली के बालराई गांव में DNT समाज और पुलिस हुई आमने-सामने, आंसू गैस के गोले छोड़े पत्थरबाजी भी हुई”.
 
d

हमें इस बवाल को लेकर छपी खबरें भी मिलीं. ईटीवी भारत की खबर में बताया गया है कि पाली के बालराई गांव में राष्ट्रीय पशुपालक संघ और डीएनटी (विमुक्त जनजातियां) संघर्ष समिति ने एक महा-बहिष्कार आंदोलन का आयोजन किया था. इसमें हजारों की संख्या में लोग अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 

इस दौरान नेशनल हाईवे पर जाम लगा गया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया. इसके चलते पुलिस बल ने स्थिति को नियंत्रण में रखने का प्रयास किया लेकिन भीड़ के उग्र हो जाने पर झड़प हो गई. इसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया.

Advertisement

आंदोलनकारियों का मुद्दा था कि डीएनटी समाज को पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और आरक्षण से जुड़ी उनकी मांगों को लेकर ठोस कदम उठाए जाएं. उनका कहना था कि इस समाज को आजादी के 75 साल बाद भी पहचान और सम्मान के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. 

ईटीवी भारत की खबर के मुताबिक, डीएनटी में वो जातियां आती हैं जिन्होंने अंग्रेजी शासन का विरोध किया था और अंग्रेजों ने उन्हें आपराधिक जनजाति एक्ट 1871 के तहत नोटिफाइड (सूचित) घोषित कर दिया था. आजादी के बाद इस कानून को 1952 में रद्द कर दिया गया था जिसके बाद इन जातियां को डिनोटिफाइड (विमुक्त) कर दिया गया. 

कुल मिलाकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वीडियो के साथ किया गया दावा गलत है.

---- समाप्त ----
Live TV

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Advertisement
Advertisement