पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की आड़ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें किसी घर के बाहर खड़ी भीड़ अंदर मौजूद कुछ लोगों पर हमला करती दिख रही है. घर में चीख-पुकार मची हुई है और बचाओ-बचाओ की आवाजें आ रही हैं. घर ने अंदर कुछ महिलाएं भी हैं. बाहर से, घर के गेट को तोड़ने की कोशिश की जा रही है.
वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताते हुए कहा जा रहा है कि ये घर एक हिंदू का है जिसे मुस्लिमों ने निशाना बनाया.
वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “पश्चिम बंगाल में जिहादियों ने चुन चुन कर एक एक हिन्दू घरों को निशाना बनाया, आप खुद ये कल्पना करिए कि यही सब आप के घर या आस पास होता तो क्या आप की मानसिक स्थिति कैसी होती.... इसलिए बोल रहा हूं, एक जुट रहे,और जातिवाद को खत्म कर सिर्फ कट्टर हिन्दू बनाए...... जरा इन हिन्दू परिवार की चीखों से से नही समझ पाए तो आप भी इसी भारत देश का हिस्सा है,और रहते भी है”.
इस दावे के साथ वीडियो को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
गौरतलब है कि हाल ही में मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसके चलते हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में हरगोविंद दास और चंदन दास और एजाज अहमद नाम के लोगों की मौत हो गई थी. साथ ही कई लोग घायल भी हुए थे. इसी संदर्भ में ये पोस्ट वायरल हो रहा है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के सीहोर का है. घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
कैसे पता चली सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये 7 मार्च, 2025 के कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में मिला. इनमें बताया गया है कि एमपी के बकतरा गांव में 500 लोगों ने दलितों की बस्ती पर हमला किया जिसमें कई लोग घायल हो गए. बकतरा, सीहोर जिले का एक गांव है.
कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर हमें इस घटना से जुड़ी जी न्यूज की 7 मार्च, 2025 की ही एक वीडियो रिपोर्ट मिली. इसमें वायरल वीडियो के बारे में बताया गया है. खबर के मुताबिक, बकतरा में बबलेश चौहान नाम के एक युवक की हत्या हो गई थी जिसके बाद दो गुटों के बीच जमकर हिंसा हुई. गांव में तनाव पैदा हो गया और भारी पुलिसबल तैनात किया गया था.
विवाद दलित और किरार समाज के लोगों के बीच हुआ था. किरार समाज के लोगों को शक था कि बबलेश की हत्या दलितों ने की थी. किरारों के गुट पर आरोप लगा था कि उन्होंने बबलेश चौहान की हत्या का बदला लेने के लिए दलितों पर हमला किया.
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, कत्ल के आरोपी संजय अहिरवार और बबलेश चौहान साथ में शराब पी रहे थे और इसी दौरान उनके बीच विवाद हो गया और मारपीट हुई. संजय ने रात में ही बबलेश के खिलाफ मारपीट के साथ एट्रोसिटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया. लेकिन इसके बाद सुबह बबलेश चौहान का शव बरामद हुआ.
इसके बाद उसके परिजन और समाज के लोगों ने शव रख कर प्रदर्शन किया. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने एक दुकान में आगजनी की और कुछ घरों में घुसकर लोगों से मारपीट की.
एनडीटीवी की खबर में बताया गया है कि पुलिस ने संजय अहिरवार और कैलाश अहिरवार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया. और घरों में तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों की खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही थी.
यहां स्पष्ट हो जाता है कि इस वीडियो पश्चिम बंगाल या मुर्शिदाबाद हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है.