scorecardresearch
 

क्या भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो चुका है? कौन करता है इसका फॉर्मल ऐलान

अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता गया और अब दोनों में सैन्य संघर्ष शुरू हो चुका. भारत एयर स्ट्राइक कर उसके ढेरों आतंकी ठिकानों को तबाह कर चुका. वहीं पाकिस्तान भी भारत के कई बड़े शहरों पर हमले की असफल कोशिश कर चुका. लगातार चेतावनियां आ रही हैं. तो क्या भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी? क्या इसकी कोई औपचारिक घोषणा होगी, या संकेत ही काफी हैं?

Advertisement
X
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़प चल रही है.
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य झड़प चल रही है.

6 मई की रात भारत ने आतंकी ठिकानों पर हमला कर पहलगाम हमले का जवाब दे दिया. लेकिन पाकिस्तान ने इसे उकसाने वाली कार्रवाई मानते हुए सीमा और यहां तक कि नागरिक इलाकों पर हमले शुरू कर दिए. भारतीय सेना इसका जमकर जवाब दे रही है. कुल मिलाकर, युद्ध जैसी  स्थिति बन चुकी. तो क्या इसका मतलब ये है कि दोनों देशों में लड़ाई शुरू हो चुकी? अगर हां, तो कौन इसका आधिकारिक एलान करेगा?

Advertisement

अब तक की स्थिति को समझना हो तो युद्ध के पड़ाव समझने होंगे

भले ही जंग एकाएक शुरू होती दिखे, लेकिन ये भी किसी बीमारी की तरह धीरे-धीरे फैलती है. जैसे शुरुआत राजनैतिक बयानबाजियों से होती है, जिसकी जड़ में कोई घटना हो सकती है. जैसे भारत और पाकिस्तान की बात करें तो पहलगाम हमले को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी हमला माना गया. और भारत ने कूटनीतिक कदम के साथ-साथ इस्लामाबाद के साथ कुछ संधियां तोड़ दीं. 

इसके बाद से दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई पाबंदियां लगानी शुरू कीं. तीसरे चरण के तहत सीमा पर सैनिकों का मोबेलाइजेशन हुआ. इसी बीच भारत ने पाकिस्तान और पीओके में छांट-छांटकर आतंकी ठिकानों पर अटैक कर दिया. ये वैसे ऑपरेशन या लिमिटेड मिलिट्री एक्शन कहलाता है.

इसके बाद ही फुल स्केल वॉर आता है, यानी पूर्ण युद्ध

खुली जंग में लड़ाई देश की सीमाओं तक सीमित न रहकर पूरे देश में कहीं भी हो सकती है. दुश्मन कहीं भी आकस्मिक हमले कर सकता है. इस पायदान के बाद आखिरी चरण न्यूक्लियर युद्ध है. वैसे तो इसकी संभावना कम है क्योंकि दोनों देशों के बीच सुलह के लिए बड़ी ताकतें आ रही हैं लेकिन फिर भी पाकिस्तान जिस तरह से आतंकियों की कठपुतली बना हुआ है, डर खत्म नहीं होता. 

Advertisement

india pakistan military conflict photo AP

आम नागरिकों को कब पता चलता है कि जंग शुरू हो चुकी? या वे केवल अनुमान के आधार पर ही तैयारियां रखते हैं? 

संविधान में वैसे जंग के एलान की कोई सीधी प्रोसेस नहीं, हालांकि इसमें नेशनल इमरजेंसी की बात जरूर है. अगर घोषणा की बात आ ही जाए तो राष्ट्रपति के पास इसका अधिकार है. एलान लेकिन फिर भी ऐसा नहीं होता कि देश फुल स्केल जंग में है. संविधान का आर्टिकल 352, जिसमें राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा का नियम है, युद्ध जैसी स्थिति से निपटने का सबसे नजदीकी तरीका माना जाता है. 

कौन-कौन शामिल होता है इस फैसले में

- राष्ट्रपति सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं, यानी ये अधिकार उनके पास है. लेकिन वे खुद फैसला नहीं ले सकते, उन्हें सरकार की सलाह लेनी होती है. अगर कभी युद्ध या शांति की कोई औपचारिक घोषणा हो तो वो पीएम और कैबिनेट की सलाह पर होती है. 

- असल में युद्ध का फैसला प्रधानमंत्री की अगुवाई वाला केंद्रीय मंत्रीमंडल लेता है, जिसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय शामिल हैं. 

- जरूरत के मुताबिक, सेना प्रमुखों, खुफिया एजेंसियों और डिप्लोमेट्स की राय भी ली जा सकती है. 

- संसद डिफेंस बजट को मंजूरी देती है, साथ ही सरकार से जवाब मांगती है. 

india pakistan border tension photo AFP

कागजों पर क्या-क्या होता है

अगर सरकार को लगे कि हालात बहुत बिगड़ चुके और ऑफिशियल तौर पर जंग का एलान होना चाहिए तो सब मिल-बैठकर तय करते और राष्ट्रपति को एक लिखित सिफारिश भेजते हैं. इसके बाद प्रेसिडेंट आर्टिकल 352 के तहत नेशनल इमरजेंसी लगा सकते हैं. इमरजेंसी देश के चुनिंदा हिस्सों में भी लग सकती है. संसद मंजूरी दे तो इमरजेंसी 6 महीनों तक लागू रहती है. जरूरत पड़ने पर ये और आगे सरक जाती है. जब सरकार को लगे कि हालात काबू में हैं, तो राष्ट्रपति इसे किसी भी वक्त वापस ले सकते हैं. 

Advertisement


देश ने अब तक जितनी भी जंग लड़ी, कभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की

- भारत पाकिस्तान के बीच पहली जंग कश्मीर को लेकर हुई, जब पाक के कबीलाई लड़ाके और सैनिक जम्मू-कश्मीर में घुस आए. उस वक्त भारत ने कश्मीर की मदद की. लेकिन दोनों में से किसी देश ने अपने यहां लड़ाई का एलान नहीं किया, बस लड़ाई शुरू कर दी. 

- साठ के दशक में भारत-चीन लड़ाई में भी ऐसा ही हुआ. चीन ने अचानक सीमा पर बड़ी सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी. किसी ने कोई एलान नहीं किया. 

- साल 1965 का भारत-पाकिस्तान युद्ध हल्के तरीके से शुरू हुआ, लेकिन फिर बढ़ने लगा. इस बार भी किसी तरफ से युद्ध की कोई औपचारिक घोषणा नहीं थी. 

- साल 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग बांग्लादेश को लेकर हुई. 13 दिन चली लड़ाई में भारत जीता और आजाद बांग्लादेश बना, लेकिन जंग का फॉर्मल एलान गायब रहा. 

हमारे यहां युद्ध अकसर घटनाओं की जवाबी कार्रवाई के रूप में शुरू होता रहा. हम पहले से आक्रामक कभी नहीं हुए. एलान के बगैर भी कई संकेत हैं, जिससे आम लोग स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं, जैसे सैन्य हलचल, मीडिया कवरेज, सरकार की भाषा और ट्रांसपोर्ट में बदलाव भी संकेत देते हैं. 

Live TV

Advertisement
Advertisement