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'धर्मेंद्र एक पीढ़ी की प्रेरणा...', ही मैन को याद कर भावुक हुए शत्रुघ्न सिन्हा

शत्रुघ्न सिन्हा ने धर्मेंद्र को पहली बार सामने देखने से लेकर फिल्मों में साथ काम करने के अनुभव तक, अपनी यादें साझा की हैं. उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र एक पीढ़ी की प्रेरणा थे. वह सही मायनों में हमारे रोल मॉडल थे.

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धर्मेंद्र को याद कर भावुक हुए शत्रुघ्न सिन्हा (Photo: Hardik Chhabra/ ITG)
धर्मेंद्र को याद कर भावुक हुए शत्रुघ्न सिन्हा (Photo: Hardik Chhabra/ ITG)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप के आयोजन एजेंडा आजतक के मंच पर गुरुवार को बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा भी पहुंचे. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बिहारी सब पर भारी सेशन में शुरुआत '...हम भी कुछ अपनी दुआओं में असर रखते हैं' से शायराना अंदाज में की. शत्रुघ्न सिन्हा ने इस सत्र में धर्मेंद्र के साथ अपने संबंधों से लेकर स्ट्रगल तक, हर विषय पर खुलकर बात की.

धर्मेंद्र को याद कर एक बार तो वह इतने भावुक हो गए, कि अपनी आंखें पोंछते नजर आए. उन्होंने धर्मेंद्र को सही मायनों में अपना रोल मॉडल बताया और कहा कि वह भी पंजाब के एक छोटे से गांव सहनेवाल से फिल्मों में आए थे. धर्मेंद्र बिना किसी जान-पहचान या जुगाड़ के बॉम्बे आए थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि धर्मेंद्र के परिवार से भी कोई फिल्मों में नहीं था.

उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने मुझे बताया था कि जब वह पहली बार एक कॉन्टेस्ट के लिए मुंबई आए थे, उनसे कहा गया था कि फर्स्ट क्लास से आइएगा, पूरा खर्च दिया जाएगा. लेकिन वह इस डर से थर्ड क्लास में सफर करके आए थे कि अगर खर्च नहीं मिला, तो इसे कैसे वहन करेंगे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पहली बार ऑडिशन में धर्मेंद्र को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया गया था कि हमें हीरो की जरूरत है, फुटबॉलर नहीं. उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने अपने स्ट्रगल से वह मुकाम हासिल किया.

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शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ड्रीम गर्ल जिसे भी कहा जाता है, सही कहा जाता है, लेकिन सही मायनों में ही मैन के साथ ड्रीम मैन धर्मेंद्र ही रहे. उन्होंने कहा कि हम पटना से आए थे. छोटे से शहरों से आए, मिडिल क्लास परिवारों के युवाओं के लिए धर्मेंद्र प्रेरणा थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा कि मैंने एफटीआईआई में एडमिशन ले लिया था, लेकिन जब भी लगता था कि कैसे करेंगे. तब धर्मेंद्र का चेहरा सामने आ जाता था.

उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने एक पीढ़ी को हौसला दिया कि आगे बढ़ो, मंजिल जरूर मिलेगी. धर्मेंद्र से पहली मुलाकात का किस्सा याद करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जब एफटीआईआई में था, तब पहली बार धरम जी को देखा था. पुणे में अनुपमा फिल्म की शूटिंग चल रही थी और वह एक दिन एफटीआईआई में आए. उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र को सामने देखकर गदगद हो गया. ये समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोलूं, फिर सोचते सोचते कहा कि सर-सर आप बालों में कौन सा तेल लगाते हैं.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि धरम जी ने मुझे देखा और कहा, मैं बालों में तेल नहीं लगाता. इतनी भीड़ थी, कि किसी तरह फिर उनके पास पहुंचा और तीर मार ही दिया. उन्होंने कहा कि इस बार मैंने उनसे पूछा कि आप बॉम्बे में रेस कोर्स में जाते हैं घोड़ा खेलने संडे को. धरम जी ने इसे जवाब देने के भी लायक नहीं समझा. बस इतना ही कहा- नहीं.

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शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ये बातें मैं धरम जी को हमेशा याद दिलाता रहा. बाद में कई फिल्मों में उनके साथ काम किया और अंतरंग हो गया था. कई बार तो मुझे चिकोटी काटना पड़ता था, कि क्या सही में मैं धरम जी के साथ हूं. शत्रुघ्न सिन्हा, धर्मेंद्र को याद कर भावुक हो गए और कहा कि धर्मेंद्र वह शख्सियत रहे, जिनसे हर मिडिल क्लास आदमी उनसे आइडेंटिफाई करते थे खुद को. वह एकदम मिडल क्लास के रहे.

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धर्मेंद्र से जुड़ी यादों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक बार ब्रेबोर्न स्टेडियम में एक कार्यक्रम था, वहां हमने एक शेर में तुकबंदी कर जोड़ दिया- तभी तो सब पर भारी हूं. वहां धर्मेंद्र भी थे. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि किसी ने धर्मेंद्र को पिन कर दिया कि आप यहीं हैं और ये नया लड़का कह रहा सब पर भारी हैं.

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उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र ने मुझे होटल में बुलाया. वे मुझे न डांट पा रहे थे, न गाली दे पा रहे थे. मैंने उनसे कहा कि आपको नहीं कहा. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगले दिन वह स्टूडियो नहीं गए और मुझे फोन किया. सॉरी बोला.

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