भारत के कॉर्पोरेट वर्ल्ड को अगर शतरंज की बिसात मानें तो अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड के डायरेक्टर प्रणव अडानी उस खिलाड़ी की तरह हैं, जो आगे की पांच चालें दिमाग में रखकर इस खेल को खेल रहा है. एजेंडा आजतक के मंच पर दिए गए अपने पहले विस्तृत टीवी इंटरव्यू में उन्होंने अपनी कंपनी की रणनीति का विशाला खाका पेश किया.
पोर्ट और एयरपोर्ट से लेकर धारावी रिडेवलपमेंट, अगले पांच दशकों का इंफ्रास्ट्रक्चर विजन और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भारी-भरकम निवेश तक, प्रणव अडानी ने अपनी कंपनी की प्लानिंग पर बात की. उन्होंने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के मंत्र को दोहराया- बड़ा बनाओ, धैर्य से बनाओ और आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाओ.
प्रणव अडानी ने क्लीन एनर्जी सेक्टर में अडानी ग्रुप के उस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताया, जो चांद से भी दिखाई देगा. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी गुजरात के कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट शुरू कर रही है, जो फ्रांस की राजधानी पेरिस से 5 गुना बड़े क्षेत्र में फैला होगा और चांद से दिखाई देगा. उन्होंने कहा, 'अगर हम रिन्यूएबल एनर्जी की बात करें, तो अडानी ग्रुप इसमें बड़ी भूमिका निभा रहा है. हमारा लक्ष्य है कि 2030 तक हम दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी जनरेशन कंपनी बनें.'
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अडानी की ग्रीन एनर्जी सेक्टर में लंबी छलांग
प्रणव अडानी ने कहा, 'गुजरात के कच्छ जिले में खावड़ा बॉर्डर के पास अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 30 गीगावाट्स (3000 मेगावाट्स) की रिन्यूएबल क्षमता एक ही लोकेशन पर लगा रही है. इसे समझने के लिए, मैं बता दूें कि यह लगभग 520 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है, जो पेरिस के आकार का पांच गुना है, जिसे आप चांद से भी देख सकते हैं. यहां हम सोलर पावर का उत्पादन करेंगे. अडानी ग्रीन के इस तरह के सभी प्रोजेक्ट्स को मिलाकर हम 2030 तक करीब 50 गीगावाट्स सोलर एनर्जी का उत्पादन करेंगे.'
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प्रणव अडानी ने एक और साहसिक भविष्यवाणी की और कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड 2030 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन कंपनी बन जाएगी. उन्होंने कहा कि चुनौतियां हर बिजनेस में होती हैं. उदाहरण के लिए, खावड़ा का इलाका शुरू में पूरी तरह बंजर भूमि था, बहुत गर्म और रेगिस्तानी, जहां कोई सामान्य तौर पर काम करना पसंद नहीं करता. ऐसे में इसे उत्पादक भूमि में बदलना एक बड़ा काम है. हर बिजनेस में सप्लाई चेन और अन्य चुनौतियां आती हैं, और हमने कई बिजनेस में इन्हें देखा है. अब हम इसे जीवन का एक हिस्सा मानकर आगे बढ़ रहे हैं.
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विकसित भारत के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी
प्रणव अडानी ने कहा कि भारत को 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्णायक भूमिका निभाएगा और अडानी ग्रुप केवल 2026 के लिए ही योजना नहीं बना रहा है, बल्कि दो दशक आगे की सोच रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अडानी ग्रुप का विजन हमारे चेयरमैन गौतम अडानी की 15-20 साल आगे की सोच रखने की आदत के अनुरूप है. उनके अनुसार, 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित भारत के सपने का साकार होना बहुत हद तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर निर्भर करता है.
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