राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 15 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल के सामने नागौर सीट पर ज्योति मिर्धा को टिकट दिया है. ज्योति मिर्धा साल 2023 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं. हालांकि ऐसा शुरू से ही कहा जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए ही ज्योति मिर्धा की बीजेपी में एंट्री हुई है.
नागौर सीट से इस समय आरएलपी चीफ हनुमान बेनीवाल सांसद हैं, लेकिन इस पर अगर उन्होंने अकेले चुनाव लड़ा तो उनकी राह भी आसान नहीं होगी. पिछली बार जब वो चुनाव लड़े थे तो बीजेपी के सहयोग से जीत पाए. 2014 के चुनावों में उन्हें एक लाख के करीब वोट मिले थे. अब तो बीजेपी के पास ज्योति मिर्धा जैसा चेहरा भी है.
इसीलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है. बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस इतनी मजबूत नहीं है कि वह अकेले दम पर जीत सके. ऐसे में गठबंधन के समीकरण पर चर्चाएं हो रही हैं. अगर ये गठबंधन हो जाता है तो इस सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी.
बेनीवाल बनेंगे ज्योति की राह में रोड़ा!
ज्योति मिर्धा के लिए नागौर सीट की राह आसान नहीं है. उनके सामने हनुमान बेनीवाल सबसे बड़ी चुनौती हैं. पिछले दो चुनावों में हनुमान बेनीवाल की वजह से ही ज्योति मिर्धा की हार हुई थी. 2014 में जब ज्योति मिर्धा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं, उस समय बेनीवाल निर्दलीय उतर गए और उनकी वजह से मिर्धा की हार हुई. जबकि बीजेपी प्रत्याशी छोटूराम चौधरी चुनाव जीत गए. उसके बाद 2019 में बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन कर लिया था. ऐसे में दूसरी बार ज्योति मिर्धा को हार का मुंह देखना पड़ा.
कौन हैं ज्योति मिर्धा?
ज्योति मिर्धा नाथूराम मिर्धा की पोती हैं. नाथूराम मिर्धा परिवार का जाट लैंड का बड़ा असर है. ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट से नागौर से 2009 में लोकसभा सांसद भी रही हैं. हालांकि उसके बाद उन्हें जीत का मुंह देखने को नहीं मिला है, लेकिन अब बीजेपी में शामिल होने पर समीकरण में उलटफेर हो सकता है.