मध्य प्रदेश के शहडोल लोकसभा सीट के नतीजे घोषित हो गए हैं. इस सीट से बीजेपी की हिमाद्री सिंह ने जीत हासिल की है. उन्होंने कांग्रेस की प्रर्मिला सिंह को 403333 वोटों से मात दी है.

कब और कितनी हुई वोटिंग
इस सीट पर चौथे चरण में 29 अप्रैल को वोटिंग हुई थी, जिसमें क्षेत्र के कुल 1655558 वोटरों में से 74.58 फीसदी ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
चुनाव मैदान में थे ये उम्मीदवार
शहडोल संसदीय क्षेत्र से 13 प्रत्याशी मैदान में थे. इसमें निर्दलीयों के अलावा प्रर्मिला सिंह (कांग्रेस), हिमाद्री सिंह (भारतीय जनता पार्टी), मोहादल सिंह (बहुजन समाज पार्टी), कमला प्रसाद बैगा (भारतीय शक्ति चेतना पार्टी), मीरा सिंह (छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी), बहन केशकली कोल (कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया), विमल सिंह(गोंडवाना गणतंत्र पार्टी) और लक्ष्यपत सिंह(पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया) शामिल थे.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी के दलपत सिंह ने कांग्रेस के राजेश सिंह को हराया था. दलपत सिंह को 5,25,419 (54.25फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं राजेश सिंह को 2,84,118 (29.34फीसदी) वोट मिले थे. दलपत सिंह को इस चुनाव में 2,41,301 वोटों से जीत मिली थी. सीपीआई 2.85 फीसदी वोटों से साथ इस चुनाव में तीसरे स्थान पर थी.
सामाजिक ताना-बाना
शहडोल लोकसभा क्षेत्र कृषि के मामले सबसे पिछड़ा क्षेत्र है. उमरिया जिले में बांधवगढ किला और बिरसिंहपुर पाली यहां की पहचान है. यह शहर विराटेश्वर मंदिर को लेकर भी जाना जाता है, यहां हर साल लाखों लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. शह़डोल जिला मध्यप्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है. इस जिले का गठन 1959 मे किया गया. यह पूर्व में अनुपपूर, दक्षिण में मंडला और बिलासपुर, उत्तर में सतना एवं सीधी तथा पश्चिम में उमरिया जिले से घिरा हुआ है. 2011 की जनगणना के मुताबिक शहडोल की जनसंख्या 2410250 है. यहां की 79.25 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 20.75 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. यहां की 44.76 आबादी अनुसूचित जनजाति और 9.35 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है.
शहडोल सीट का इतिहास
1957 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के कमल नारायण सिंह ने जीत हासिल की थी. यहां की जनता कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों को मौका दी है. लेकिन हाल के कुछ चुनावों पर नजर डालें तो बीजेपी के दलपत सिंह और मौजूदा सांसद ज्ञान सिंह को सबसे ज्यादा जीत मिली है. दलपत सिंह का तो निधन हो चुका है, लेकिन ज्ञान सिंह आज भी अपना दबदबा यहां पर बनाए हुए हैं. वह 2016 का उपचुनाव जीतकर तीसरी बार यहां से सांसद बने.
इस सीट पर 5 बार बीजेपी तो 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है. साल 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में बीजेपी को यहां पर लगातार जीत मिली थी. लेकिन 2009 के चुनाव में यहां पर कांग्रेस ने वापसी की और राजेश नंदिनी यहां के सांसद बने. शहडोल लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. जयसिंहनगर, अनूपपुर, मानपुर, जैतपुर, पुष्पराजगढ़,बरवारा, कोटमा यहां की विधानसभा सीटें हैं. इन 8 विधानसभा सीटों में से 4 पर बीजेपी और 4 पर कांग्रेस का कब्जा हैं.
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