झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे ने शानदार जीत हासिल की है. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रत्याशी प्रदीप यादव को 184227 वोटों से कड़ी शिकस्त दी है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे को 637610 वोट मिले, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के प्रदीप यादव को 453383 वोटों से संतोष करना पड़ा.
इस सीट से कुल 13 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे. गोड्डा लोकसभा सीट पर 19 मई को अंतिम चरण में मतदान हुए थे. गोड्डा संसदीय सीट पर लोगों ने बढ़-चढ़ कर वोटिंग में हिस्सा लिया था. यहां पर 68.96 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. इससे पहले साल 2014 के लोकसभा चुनाव में गोड्डा संसदीय सीट पर करीब 65 फीसदी मतदान हुआ था.
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कौन-कौन थे उम्मीदवार
झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने निशिकांत दुबे, बहुजन समाज पार्टी ने जफर ओबैद, झारखंड विकास मोर्च (प्रजातांत्रिक) ने प्रदीप यादव, पिछड़ा समाज पार्टी यूनाइटेड ने आशा माकड़े, राष्ट्रीय समता पार्टी (सेक्युलर) ने नूर हसन, बहुजन मुक्ति पार्टी ने बजरंगी महथा और आम अधिकार मोर्चा ने मुरारी कापरी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा था. इस सीट पर कुल 13 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमाने चुनाव मैदान में उतरे थे.
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साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के निशिकांत दूबे ने चुनाव लड़ा और सासंद बने. निशिकांत दूबे को तब 3.80 लाख मिले थे तो वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी फुरकान अंसारी को 3.19 लाख वोट से ही संतोष करना पड़ा. झामुमो के प्रदीप यादव 1.93 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे. इस सीट पर करीब 65 फीसदी मतदान हुआ था. इससे पहले साल 2009 में भी निशिकांत दूबे ने फुरकान अंसारी को करीब 6 हजार वोटों से हराया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
गोड्डा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होती है. साल 1962 और 1967 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के प्रभु दयाल ने चुनाव जीता. साल 1971 और 1977 में जगदीश मंडल ने जीत दर्ज की. साल 1971 में जगदीश कांग्रेस और 1977 में भारतीय लोकदल के टिकट पर लड़े थे. 1980 और 1984 में इस सीट से मौलाना समीनुद्दीन जीते.
साल 1989 में इस सीट पर बीजेपी के जनार्दन यादव जीते. साल 1991 में झामुमो के सुरज मंडल जीते. इसके बाद बीजेपी ने वापसी की. 1996, 1998 और 1999 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर जगदंबी प्रसाद यादव जीते. 2000 का चुनाव बीजेपी के ही टिकट पर प्रदीप यादव जीते. 2004 में कांग्रेस ने वापसी की और उसके टिकट पर फुरकान अंसारी जीते. साल 2009 और 2014 में बीजेपी के निशिकांत दूबे जीते.
सामाजिक तानाबाना
गोड्डा लोकसभा सीट पर पिछड़ी जातियों और मुस्लिमों का दबदबा है. इस सीट पर अनुसूचित जाति की आबादी करीब 11 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी करीब 12 फीसदी है. पिछड़ी जातियों की गोलबंदी के कारण बीजेपी यहां अच्छा प्रदर्शन करती है. इस सीट पर मतदाताओं की संख्या 15.90 लाख है, इसमें 8.25 लाख पुरुष और 7.64 लाख महिला मतदाता शामिल है.
गोड्डा लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें (मधुपुर, देवघर, जरमुण्डी, पोड़ैयाहाट, गोड्डा और महगामा) आती हैं. इनमें से देवघर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने चार सीटों (मधुपुर, देवघर, गोड्डा, महगामा), झामुमो ने एक सीट (पोड़ैयाहाट) और कांग्रेस ने भी एक सीट (जरमुण्डी) पर जीत दर्ज की थी.
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