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तमिलनाडु में 97 लाख, गुजरात में 70 लाख वोटरों के नाम कटे... SIR के ड्राफ्ट रोल ने चौंकाया

चुनाव आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के मुताबिक तमिलनाडु में करीब 97 लाख और गुजरात में 70 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. इन बड़े पैमाने पर हुई कटौतियों ने राजनीतिक हलकों में बहस तेज कर दी है.

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चुनाव आयोग ने गुजरात और तमिलनाडु की SIR ड्राफ्ट लिस्ट जारी कर दी है (Photo- Representational)
चुनाव आयोग ने गुजरात और तमिलनाडु की SIR ड्राफ्ट लिस्ट जारी कर दी है (Photo- Representational)

देश के दो बड़े चुनावी राज्यों तमिलनाडु और गुजरात में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. चुनाव आयोग द्वारा जारी ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के मुताबिक तमिलनाडु में करीब 97 लाख और गुजरात में 70 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं. इन बड़े पैमाने पर हुई कटौतियों ने राजनीतिक हलकों में बहस तेज कर दी है.

चुनाव आयोग ने 19 दिसंबर को तमिलनाडु की एकीकृत ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की. SIR प्रक्रिया के बाद राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 6.41 करोड़ (27 अक्टूबर 2025 तक) से घटकर 5.43 करोड़ रह गई है. इसमें 2.66 करोड़ पुरुष, 2.77 करोड़ महिलाएं और 7,191 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हटाए गए 97 लाख नामों में 26,94,672 मतदाता मृत पाए गए, 66,44,881 मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके थे, 3,39,278 मतदाता दो या अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए.

जिलावार आंकड़े भी चौंकाने वाले

चेन्नई में सबसे ज्यादा असर दिखा, जहां 14.25 लाख नाम हटाए गए. मतदाताओं की संख्या 40.04 लाख से घटकर 25.79 लाख रह गई. वहीं कोयंबटूर में 6.50 लाख, डिंडीगुल में 2.34 लाख, कांचीपुरम में 2.74 लाख और करूर में 79,690 मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची से हटे.

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चेन्नई में हटाए गए नामों के पीछे 1.56 लाख मौतें, 12.22 लाख स्थानांतरित मतदाता, 27,323 पते पर न मिलने वाले मतदाता और 18,772 डुप्लिकेट एंट्री प्रमुख कारण बताए गए.

चुनाव आयोग की सफाई

तमिलनाडु की मुख्य निर्वाचन अधिकारी अर्चना पटनायक ने कहा कि शोलिंगनल्लूर और पल्लावरम विधानसभा क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नाम हटाए गए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी मतदाता का नाम बिना तय प्रक्रिया के मनमाने ढंग से नहीं हटाया जा सकता. आपत्तियों और दावों के लिए पर्याप्त समय दिया गया है.

ड्राफ्ट सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए AIADMK नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने कहा कि 90 लाख से ज्यादा नाम हटना इस बात का सबूत है कि SIR जरूरी था. उन्होंने आरोप लगाया कि DMK फर्जी वोटों के सहारे सत्ता में आने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब उसका “सपना टूट गया है.”

गुजरात में 70 लाख से ज्यादा नाम कटे

गुजरात में भी SIR के बाद मतदाता सूची में बड़ा बदलाव हुआ है. पहले राज्य में कुल 5.08 करोड़ मतदाता पंजीकृत थे, जो अब घटकर 4.34 करोड़ रह गए हैं. यानी 73,73,327 मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट रोल से हटा दिए गए. इनमें 18,07,278 मृत मतदाता, 9,69,662 गैर-मौजूद मतदाता, 40,25,553 स्थायी रूप से स्थानांतरित, 3,81,470 दो जगह पंजीकृत और अन्य कारण के चलते 1,89,364 नाम काटे गए.

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इस प्रक्रिया में 50,963 बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) ने घर-घर जाकर सत्यापन किया. मतदाता 18 जनवरी 2026 तक आपत्ति या दावा दर्ज करा सकते हैं, जिनका निपटारा 10 फरवरी 2026 तक किया जाएगा.

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