बिहार में चुनावी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. 6 और 11 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले NDA के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तकरार गहराती जा रही है. इसी बीच खबर है कि लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान अगर सीटों पर सहमति नहीं बनती, तो प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के साथ हाथ मिला सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान ने NDA में कम से कम 40 'जिताऊ सीटों’ की मांग की है. उनका कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने सभी 5 सीटें जीतीं, इसलिए विधानसभा चुनाव में भी सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री पद भी छोड़ सकते हैं चिराग
‘बिहार तक’ की रिपोर्ट के अनुसार, चिराग पासवान ने अपने करीबी सहयोगियों से कहा है कि जरूरत पड़ी तो वे केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को भी तैयार हैं. उन्होंने साफ कहा, 'मेरे लिए बिहार पहले, बिहारी पहले.'
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सूत्रों का कहना है कि अगर NDA में बात नहीं बनी तो चिराग जन सुराज के साथ तालमेल कर सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि चिराग पासवान और प्रशांत किशोर, दोनों ही युवा नेता ‘बिहारी अस्मिता’, बेरोजगारी और पलायन के मुद्दों को लेकर चुनावी जमीन पर एक्टिव हैं.
क्या है संभावित सीट शेयरिंग फॉर्मूला?
इधर, BJP और JDU के बीच लगभग 205 सीटों पर बराबर-बराबर का फॉर्मूला तय होने की चर्चा है. बाकी 38 सीटें छोटे सहयोगियों- जैसे HAM (जीतन राम मांझी), RLSP (उपेंद्र कुशवाहा) और LJP (रामविलास) के लिए छोड़ी जाएंगी. सूत्रों के अनुसार, NDA नेतृत्व ने LJP को 25, HAM को 7 और RLSP को 6 सीटें देने का प्रस्ताव दिया है.
अगर छोटे दलों को सीटें कम मिलती हैं, तो BJP उन्हें राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों से संतुलन साधने की पेशकश कर सकती है.
2020 में NDA से अलग चुनाव लड़े थे चिराग
गौरतलब है कि 2020 के चुनाव में चिराग पासवान ने JD(U) से नाराज होकर NDA से अलग रास्ता चुना था. तब उनकी पार्टी ने नीतीश कुमार के उम्मीदवारों के खिलाफ कई सीटों पर मुकाबला लड़ा था, जिससे JDU को करीब 27 सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा.
इस बार भी सीट बंटवारे की जंग ने NDA की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि चिराग NDA में बने रहते हैं या ‘जन सुराज’ के साथ नया सियासी अध्याय लिखते हैं.