महागठबंधन में गौरा-बौराम सीट को लेकर घमासान मचा हुआ है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी अफजल अली खान नामांकन वापस लेने को तैयार नहीं हैं, जबकि पार्टी ने सीट विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को सौंप दी है. इस गड़बड़ी के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर स्पष्ट किया कि RJD ने इस सीट से प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है, लेकिन चुनाव आयोग ने हाथ खड़े कर दिए हैं और VIP अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, ये मामला 16 अक्टूबर का है. जब महागठबंधन में सीट बंटवारे की चर्चा चल रही थी. किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले ही आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अफजल अली खान को गौरा-बौराम सीट का सिंबल सौंप दिया था. सिंबल मिलते ही अफजल ने नामांकन भर दिया, लेकिन जब अंतिम सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय हुआ तो आरजेडी ने इस सीट को वीआईपी को दे दिया. इसके बाद वीआईपी से मुकेश साहनी के भाई संतोष साहनी ने भी गौरा-बौराम से नामांकन कर दिया.
इसी दोहरी दावेदारी से उलझन बढ़ गई. राजद ने अफजल अली खान से सिंबल लौटाने और नामांकन वापस लेने को कहा, लेकिन पूर्व विधायक अफजल साफ इनकार कर दिया. वह मैदान से हटने को तैयार नहीं हैं और दावा कर रहे हैं कि सिंबल उन्हें वैध रूप से मिला था.
लालू ने की आयोग से हस्तक्षेप की अपील
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इस कंफ्यूजन के बीच लालू प्रसाद यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है. पत्र में लालू ने कहा कि गौरा-बौराम सीट महागठबंधन के फॉर्मूले के तहत वीआईपी के खाते में गई है. राजद ने यहां से कोई प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है और अफजल अली खान का नामांकन महागठबंधन की सहमति के बिना भरा गया.
इलेक्शन कमीशन ने खड़े किए हाथ
लालू ने आयोग से अपने पत्र में हस्तक्षेप करने की अपील की है, लेकिन आयोग अपने हाथ खड़े कर दिया हैं. आयोग ने लालू के पत्र पर जवाब दिया कि अफजल का नामांकन पूरी तरह वैध पाया गया है. आयोग के नियमों के तहत वह अब कुछ नहीं कर सकता.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब VIP इस विवाद को लेकर कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है, ताकि अफजल के नामांकन को चुनौती दी जा सके.