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उपेंद्र कुशवाहा के पैर छुए और मिट गए गिले-शिकवे... पवन सिंह का भाजपा में शामिल होने का रास्ता साफ़!

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भोजपुरी एक्टर और सिंगर पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा से मिलकर अपने सारे गिले-शिकवे दूर कर लिए हैं. 2024 में पवन सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने के चलते कुशवाहा चुनाव हार गए थे.

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उपेंद्र कुशवाहा से पवन सिंह गले मिले और पैर छुए. (Photo-ITG)
उपेंद्र कुशवाहा से पवन सिंह गले मिले और पैर छुए. (Photo-ITG)

भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का 'घर वापसी' का रास्ता साफ़ हो गया है. राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से मंगलवार को पवन सिंह ने उनके दिल्ली आवास पर जाकर मुलाकात की. इस दौरान पवन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा के गले मिले और पैर छुए. माना जा रहा है कि दोनों के बीच सारे गिले-शिकवे मिट गए हैं.

पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा के ख़िलाफ़ बिहार की काराकाट संसदीय सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. पवन सिंह के चुनाव लड़ने के चलते उपेंद्र कुशवाहा चुनाव हार गए थे. इस बात की नाराज़गी कुशवाहा ने सार्वजनिक रूप से ज़ाहिर की थी, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजा था.

बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मी के बीच भाजपा ने पवन सिंह का 'घर वापसी' कराने का प्लान बनाया, लेकिन इसमें सबसे बड़ी बाधा उपेंद्र कुशवाहा को लेकर थी. भाजपा कुशवाहा को नाराज़ नहीं करना चाहती थी, जिसके लिए पार्टी चाहती थी कि पहले पवन सिंह अपने सारे गिले-शिकवे उपेंद्र कुशवाहा से दूर कर लें ताकि उनकी एंट्री का विरोध न कर सके.

कुशवाहा से पवन सिंह की मुलाकात

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उपेंद्र कुशवाहा से मंगलवार को पवन सिंह ने उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात किया. पवन सिंह के साथ बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिंह भी थे. इस दौरान पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा से गले मिले और उनके पैर छूए. इस तरह से उन्होंने कुशवाहा के साथ अपने सारे गिले-शिकवे दूर करने की कवायद करते नजर आए हैं. 

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बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने सोमवार देर शाम उपेंद्र कुशवाहा से मिले थे. यह मुलाकात पवन सिंह के साथ उनके रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए था. विनोत तावड़े ने सारी बातचीत करने के बाद पवन सिंह की कुशवाहा मुलाकात का टाइम मंगलवार को फिक्स किया. इसके साथ पवन सिंह ने कुशवाहा के घर जाकर मुलाकात किया. इस तरह से उनके बीच सुलह-समझौता हो गया. 

पवन सिंह की घर वापसी का रास्ता साफ

पवन सिंह की भाजपा में दोबारा एंट्री कराने की पैरोकारी आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह कर रहे है, लेकिन बीजेपी कुशवाहा को नाराज नहीं करना चाहती है. इसीलिए बीजेपी चाहती है कि पहले उपेंद्र कुशवाहा से पवन सिंह अपने रिश्ते बेहतर कर लें ताकि उनकी वापसी पर वो विरोध न कर सके. मंगलवार को पवन सिंह औपचारिक तौर पर आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात किया, जिसके बाद विनोद तावड़े ने कहा कि पवन सिंह बीजेपी में थे और बीजेपी में रहेंगे. 

भोजपुरी एक्टर पवन सिंह 2024 के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने उन्हें बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था, लेकिन बाद में पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. पवन सिंह काराकाट सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सीट शेयरिंग में यह सीट कुशवाहा के खाते में चली गी थी. इसके बाद पवन सिंह बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय उतर गए थे, जिसके चलते बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. अब दोबारा से पवन सिंह की घर वापसी का प्लान बनाया है.  

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आरा सीट से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह

माना जा रहा है कि 2025 में बिहार की आरा विधानसभा सीट से पवन सिंह किस्मत आज़माने के लिए उतर सकते हैं. हालांकि, आरा सीट पर फ़िलहाल बीजेपी का कब्ज़ा है. बीजेपी की यह सीट सबसे सेफ़ सीट मानी जाती है. 2000 से लेकर 2020 तक बीजेपी के अमरेंद्र प्रताप सिंह पांच चुनाव जीत चुके हैं. अब एनडीए के टिकट पर पवन सिंह आरा सीट से किस्मत आज़माने की फ़िराक में हैं. 

पवन सिंह की अपनी लोकप्रियता है. बिहार में बड़ा फैन बेस है. भोजपुरी सिनेमा के जरिए उनकी लोगों के बीच गहरी पकड़ है. ग्रामीण और शहरी दोनों ही मतदाताओं के बीच पकड़ है. राजपूत वोटों के बीच गहरी पैठ है. ऐसे में उन्हें  नजरअंदाज करना आसान नहीं है. 2024 में उन्हें नाराज कर बीजेपी शाहाबाद इलाके में नुकसान उठा चुकी है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में पवन सिंह को साधकर बड़ा सियासी दांव चला है. 

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