| Gender | M |
| Age | 52 |
| State | BIHAR |
| Constituency | PHULPARAS |
स्वामी सुरेशानंद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेएसबीपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. उनकी उम्र 52 साल है और उनकी शैक्षिक योग्यता Graduate है. उन पर दर्ज केसों की संख्या (0) है. उनकी कुल संपत्ति 13Lac रुपये है, जबकि उन पर 0 रुपये की देनदारी है.
Serious IPC Counts
Education
Cases
self profession
| Property details | 2025 |
|---|---|
| Total Assets | 13Lac |
| Movable Assets | 3Lac |
| Immovable Assets | 10Lac |
| Liabilities | 0 |
| Self Income | 0 |
| Total Income | 0 |
बिहार विधानसभा चुनाव की गूंज यूपी की सियासी जमीन पर भी सुनाई पड़ रही है. इसकी वजह यह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ बिहार में एनडीए को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे थे तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महागठबंधन के लिए पूरी ताकत झोंक दी. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार का यूपी कनेक्शन क्या है?
इंडिया टुडे ने चुनाव आयोग के डेटा की गहराई से जांच की और पाया कि SIR और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा या समझ में आने वाला पैटर्न दिखता ही नहीं. हर बार जब एक ट्रेंड बनता लगता है, तुरंत ही एक दूसरा आंकड़ा उसे तोड़ देता है. बिहार चुनाव में NDA ने 83% सीटें जीतीं, पर SIR से जुड़े नतीजे अलग कहानी कहते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एक दिलचस्प पैटर्न सामने आया है. जहां सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती गई पांचों सीटें NDA के खाते में गईं, वहीं बेहद कम मार्जिन वाली सीटों पर अलग-अलग दलों की जीत दर्ज हुई. चुनावी आंकड़े बताते हैं कि भारी अंतर वाली सीटों पर NDA का दबदबा स्पष्ट दिखा जबकि कम अंतर वाली सीटों पर मुकाबला बेहद करीबी रहा.
jamui result shreyasi singh: जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार श्रेयसी ने राजद के मोहम्मद शमसाद आलम को 54 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की हैं.
बिहार चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन बुरी तरह फ्लॉप रहा और RJD-कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया. इसकी बड़ी वजहें थीं- साथी दलों के बीच लगातार झगड़ा और भरोसे की कमी, तेजस्वी को सीएम चेहरा बनाने का विवादास्पद फैसला, राहुल-तेजस्वी की कमजोर ट्यूनिंग और गांधी परिवार का फीका कैंपेन.
बिहार चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया और आरजेडी अपने इतिहास की बड़ी हारों में से एक झेल रही है. इससे तेजस्वी यादव के नेतृत्व, रणनीति और संगठन पर गंभीर सवाल उठे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद भी सियासी गलियारों में सस्पेंस बरकरार है. तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और चिराग पासवान इसके मुख्य केंद्र है. तेजस्वी दो सीटों से चुनाव लड़ सकते है, जिसमें राघोपुर के साथ फुलपरास या काराकाट सीट शामिल है. इसकी वजह राघोपुर से प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की संभावना मानी जा रही है.
तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनाव में दो सीटों से उतर सकते हैं: राघोपुर और मधुबनी की फुलपरास। फुलपरास से चुनाव लड़ने का उद्देश्य मिथिलांचल में अति पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक को साधना है, जहां कर्पूरी ठाकुर का प्रभाव रहा है। तेजस्वी यादव ने एक बड़ा चुनावी वादा किया है: "चुनाव के नोटिफिकेशन के बाद बिहार के जिस भी परिवार के पास सरकारी नौकरी नहीं है ऐसे हर परिवारों को एक नया अधिनियम बना करके अनिवार्य रूप से उनके परिवार में नौकरी जो है दी जाएगी."
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज है. एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सहमति बनने की खबर है. सूत्रों के अनुसार, 13 अक्टूबर को उम्मीदवारों की पहली संयुक्त सूची जारी हो सकती है. वहीं, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने सरकार बनने पर हर परिवार को एक सरकारी नौकरी देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि 20 दिन में अधिनियम बनेगा और 20 महीने में हर घर में नौकरी होगी.
तेजस्वी यादव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसी खबरें हैं कि राघोपुर और फुलपरास से पर्चा भरने का प्लान कर रहे हैं. दो सीटों से चुनाव लड़ने की संभावना से राजनीतिक समीकरणों में बदलाव आ सकता है.