इकनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) के कोटे से हुए एडमिशन पर गाज गिरने लगी है. पीतमपुरा स्थित बाल भारती पब्लिक स्कूल ने 60 बच्चों के एडमिशन रद्द कर दिए गए हैं.
इससे नाराज अभिभावकों ने स्कूल के बाहर हंगामा किया और आरोप लगाया की स्कूल ने अपने दलालों के जरिए उनसे 5 -5 लाख रुपये लेकर एडमिशन किए हैं. अभिभावकों का कहना है कि वे जनरल कैटगरी में एडमिशन कराना चाहते थे लेकिन, स्कूल ने EWS कैटगरी में एडमिशन कर दिया और अब जांच के नाम पर उनके एडमिशन रद्द कर दिए हैं.
जिन 60 बच्चों के एडमिशन रद्द किए गए है उनमें ऐसे भी हैं जो इस स्कूल दो-तीन साल से पढ़ रहे हैं. अब उन्हें कहा गया है की उनके आय प्रमाणपत्र फर्जी हैं. अभिभावकों ने स्कूल प्रिंसिपल से मुलाकात की. प्रिंसिपल ने एडमिशन वापस लेने से इंकार कर दिया है. स्कूल का साफ कहना है की जब तक जांच पूरी नहीं होती एडमिशन नहीं होग.
इस घटना से दिल्ली के तमाम स्कूल अब पिछले तीन से चार सालों के तमाम प्रमाणपत्रों की जांच करवा रहे हैं. इन अभिभावकों की इस दलील से सवाल उठ रहा है कि नकली आय प्रमाणपत्र बनाकर ईडब्लूएस कोटे से एडमिशन हुआ और कैसे इन्हे पता तक नहीं चला. अगर अभिभावकों को इस बारे में पता था तो उन्होंने इसकी शिकायत क्यों नहीं की.
बाल भारती स्कूल में इतने बड़े पैमाने पर नकली प्रमाणपत्र सामने आने के बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की दिल्ली में गरीबों के हकों पर डाका डालने का काम बड़े पैमाने पर हो रहा है. करोड़ों के इस गोरखधंधे का जाल बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, जिसमें एसडीएम कार्यालय और स्कूल की मिलीभगत भी हो सकती है.
बाल भारती स्कूल इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है. स्कूल ने मीडिया से बात करने से साफ़ इंकार कर दिया है. स्कूलों और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा बच्चों को भुगताना पड़ा रहा है.