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UPPSC चेयरमैन अनिल यादव की नियुक्ति को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिय यादव की नियुक्ति को अवैध करार दिया है. कोर्ट ने यादव के चयन को नियमों का उल्लंघन बताया है.

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Allahabad High Court
Allahabad High Court

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिय यादव की नियुक्ति को अवैध करार दिया है. हाई कोर्ट ने यादव के चयन को नियमों का उल्लंघन बताया है. कोर्ट का कहना है कि यादव पर चल रहे आपराधिक मामलों को गुप्त रखा गया.

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस यशवंत वर्मा कर रहे थे. समय की कमी होने के कारण मंगलवार को फैसला नहीं सुनाया जा सका था. बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया. इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पूछा था कि यादव में ऐसी क्या खास बात थी कि जिसके कारण उनकी नियुक्ति अध्यक्ष पद पर 82 लोगों के बायोडेटा को खारिज करके की गई थी.

कोर्ट के आदेशानुसार यूपीपीएससी अध्यक्ष, राज्य सरकार और यूपीपीएससी अथॉरिटी अपना जवाब पहले ही फाइल कर चुकी है. यादव की अध्यक्ष पद पर तैनाती को लेकर तीन जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी.

कोर्ट ने तीनों PIL की सुनवाई एक साथ की है. एक याचिकाकर्ता के मुताबकि यादव सबसे पहले किसी इंस्टीट्यूट में लेक्चरर पद पर नियुक्त थे. उसके बाद वे प्रिंसिपल बने, लेकिन जैसे ही समाजवादी पार्टी सरकार में आई, उन्हें यूपीपीएससी का सदस्य बनाया दिया गया. 2012 तक वे इसके सदस्य के रूप में बने रहे. इसके बाद अप्रैल 2013 में उनकी नियुक्ति अध्यक्ष पद पर कर दी गई.

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