UP Board 10th, 12th Result 2022: यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं की परीक्षा के रिजल्ट की घड़ियां जल्द खत्म होने वाली हैं. 47 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उनका यह इंतजार खत्म हो सकता है. पहले संभावना जताई जा रही थी कि यूपी बोर्ड के नतीजे 9 जून को जारी हो सकते हैं, लेकिन बोर्ड ने इसका खंडन कर दिया. अब नई तारीख 14 से 16 जून के बीच की सामने आई है. विभिन्न रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है.
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के रिजल्ट को लेकर यूपी बोर्ड की तैयारी अंतिम दौर में हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों का रिजल्ट हर वर्ष की तरह इस बार भी एक साथ ही जारी किए जाने की तैयारी है. हालांकि इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पिछले वर्ष की ही तरह इस वर्ष भी यूपी बोर्ड के मुख्यालय प्रयागराज से नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ से ही यूपी बोर्ड का रिजल्ट जारी हो सकता है.
यूपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट का डायरेक्ट लिंक
यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट का डायरेक्ट लिंक
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UP Board Result 2022: कितने स्टूडेंट्स हैं रजिस्टर्ड
यूपी बोर्ड 2022 की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की परीक्षा में कुल 5192689 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिनमें से 4775749 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी. जबकि बोर्ड परीक्षा में 416940 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे थे. हाईस्कूल में कुल 2781654 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 2525007 परीक्षार्थी उपस्थित और 256647 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. वहीं इण्टरमीडिएट में कुल 2411035 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. इसमें से 2250742 परीक्षार्थी उपस्थित और 160293 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. यूपी बोर्ड की परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए कुल 148 परीक्षार्थी पकड़े गये. इसके साथ ही कुल 45 परीक्षार्थी दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़े गए थे।बोर्ड परीक्षा में 02 अनुचित साधन प्रयोग में, 01 प्रधानाचार्य, 01 केन्द्र व्यवस्थापक व 04 अन्य में से कुल 40 के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
23 अप्रैल से 7 मई के बीच हुआ कॉपियों का मूल्यांकन
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य 23 अप्रैल से शुरू होकर 7 मई के बीच सम्पन्न कराया गया. प्रदेश में मूल्यांकन के लिए 271 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. जहां पर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की दो करोड़ 60 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सवा लाख से ज्यादा शिक्षकों ने पूरा किया था.