प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए मंगलवार को लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 संसद में पास हो गया. अब परीक्षा की शुचिता को भंग करने के अपराध के लिए नया कानून बनेगा. इसमें अनियमितता और गड़बड़ी पर अधिकतम 1 से 10 साल तक की जेल और 3 से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है.
विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा
लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को संसद में पेश किया गया था जो कि मंगलवार को पास भी हो गया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. इस कानून के तहत विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है.
यह एक केंद्रीय कानून होगा
विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी.
कई बार हो चुका है पेपर लीक
सूत्रों ने बताया कि परीक्षा पत्र लीक होना एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गयी है, इसलिए अपनी तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की आवश्यकता महसूस की गयी. गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए अपने कानून लेकर आए हैं. पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए साामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गई थीं.
इस बिल पर क्या है शिक्षक-छात्रो की प्रतिक्रिया
बीते पांच साल से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे राजस्थान के रहने वाले अभ्यर्थी धीरज विश्नोई कहते हैं कि पेपर लीक एक ऐसी खाईं है जिसमें हमारे सपने, उम्मीदें और उम्र सब डूब जाते हैं. वो कहते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता विश्वास पर टिकी होती है. हम परीक्षार्थी के तौर पर जिस पर भरोसा करके अपने कई साल की मेहनत, त्याग, माता-पिता की कमाई और कठिन परिश्रम लगाते हैं. लाखों छात्र परीक्षाओं की तैयारी के लिए छोटी-सी उम्र में अपना घर छोड़ देते हैं. ऐसे में सरकार की ओर से सख्त कानून बहुत जरूरी हो जाता है.
कोटा में लंबे समय तक कोचिंग शिक्षक रहे शशि प्रकाश सिंह कहते हैं कि पेपर लीक जैसी घटनाएं परीक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती हैं. इससे न सिर्फ छात्र बल्कि टीचर्स की मेहनत बर्बाद होती है और उम्मीदें टूटती हैं. कुछ लालची चंद पैसों की खातिर युवाओं में अविश्वास पैदा करते हैं. लोक परीक्षा बिल 2024 की वाकई बहुत जरूरत है. इससे परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों को सौ बार सोचना पड़ेगा क्योंकि पकड़े जाने पर उन्हें 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना झेलना पड़ सकता है.
बिल पास होना क्यों जरूरी है?
लोक एग्जाम बिल 2024 के सवाल पर दिल्ली के जाने माने स्कूल में गणित शिक्षक राजीव झा कहते हैं कि इस तरह के बिल आने से बच्चों में प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता पर विश्वास बहाल होगा. ये कानून पेपर लीक माफियाओं पर अंकुश लगाएगा.
दिल्ली पेरेंट्स ऐसोसिएशन की अपराजिता गौतम कहती हैं कि कई पेरेंट्स अपने जीवन की सारी जमापूंजी बच्चों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में लगा देते हैं. सरकार भी इसकी शुचिता बनाए रखने के लिए नियामक एजेंसियों के जरिये मोटी रकम निवेश करती है, फिर भी इस पर रोक नहीं लग पा रही. हाल ही में कई राज्यों से पेपर लीक की खबरें आईं हैं. सख्त कानून न होने से ये नकल माफिया और भी सक्रिय हो रहे हैं. सोशल मीडिया के दौर में पेपर लीक करने वालों के लिए अपने मंसूबे पूरे करना आसान हो गया है, ऐसे में इस तरह का कानून बहुत जरूरी था.