हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि विधायकों को ही अपना टैक्स देना होगा. इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के सांसदों को मिलने वाली सुविधाओं में भी इनकम टैक्स की बात हो रही है. इसके बाद से लोगों के मन में सवाल है कि क्या सांसदों या विधायकों को अपनी कमाई पर इनकम टैक्स देना होता है और अगर ऐसा है तो उनके लिए कितने अलग नियम हैं. तो जानते हैं भारत में नेताओं के लिए इनकम टैक्स के क्या नियम हैं...
सांसदों के लिए क्या हैं नियम?
बता दें कि ऐसा नहीं है कि सांसदों को टैक्स नहीं देना होता है, सांसदों को भी इनकम टैक्स देना होता है. फर्क बस इतना है कि सांसद किसी के कर्मचारी नहीं होते हैं और वो किसी बॉडी में काम नहीं करते हैं. ये पब्लिक की ओर से चुने जाते हैं, तो इनके लिए अलग व्यवस्था है. संसद के सदस्यों की कमाई को 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्स' में गिना जाता है और उस पर टैक्स लगता है. हालांकि, उन्हें अपनी पूरी कमाई पर टैक्स नहीं देना होता है.
सांसदों को अपनी जो सैलरी है, सिर्फ उसी पर टैक्स देना होता है जबकि जो भत्ते होते हैं, उन्हें इनकम टैक्स में छूट होती है. सांसदों को मिलने वाले डेली अलाउंस, सीट के लिए मिलने वाले अलाउंस और ऑफिस भत्तों को इनकम टैक्स से दूर रखा गया है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि उनसे टीडीएस के रुप में टैक्स वसूला जाता है, जबकि उन्हें अपनी ओर से इनकम टैक्स देना होता है. ऐसे में सांसदों को जो एक लाख रुपये सैलरी मिलती है, उस पर टैक्स देना होता है. इसके अलावा कुछ ऐसे अलाउंस भी हैं, जिन पर भी टैक्स देना होता है, जिसमें सामान्य भत्ते शामिल नहीं है.
विधायकों के लिए क्या है नियम?
विधायकों के लिए नियम हर राज्य के हिसाब से अलग हो सकते हैं. हर राज्य में विधायक की सैलरी भी अलग होती है और वहां भी सैलरी पर ही टैक्स देना होता है. लेकिन कुछ भत्तों पर टैक्स नहीं देना होता. लेकिन, कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां विधायकों की सैलरी पर लगने वाला टैक्स राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है. अभी तक मध्यप्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल था, लेकिन अब मध्यप्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि अब विधायकों को खुद अपना इनकम टैक्स देना होगा. छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सरकार विधायकों का टैक्स देती है.
किसी को मिलती है छूट?
इनके अलावा प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति को अपनी सैलरी पर टैक्स देना होता है. वहीं भारत में सिर्फ सिक्किम ऐसी जगह है, जहां के लोगों को अपनी कमाई पर इनकम टैक्स नहीं देना होता. सिक्किम इनकम टैक्स मैनुअल 1948 के हिसाब सिक्किम के निवासियों को कमाई पर टैक्स नहीं देना होता.