रूस ने हाल ही में एक ऐसी मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जिसे वह अजेय बताता है. इसका नाम बुरेवेस्तनिक (Burevestnik) है, जिसे नाटो देश स्काईफॉल (Skyfall) कहते हैं. यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल है, जो परमाणु हथियार ले जा सकती है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि यह किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती है. लेकिन क्या यह वाकई इतना खतरनाक है?
बुरेवेस्तनिक एक क्रूज मिसाइल है, लेकिन सामान्य मिसाइलों से बिल्कुल अलग. इसमें छोटा परमाणु रिएक्टर लगा होता है, जो इसे असीमित दूरी (अनलिमिटेड रेंज) देता है. सामान्य मिसाइलें ईंधन खत्म होने पर रुक जाती हैं, लेकिन यह हफ्तों या महीनों तक उड़ सकती है.
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यह मिसाइल अमेरिका या नाटो के मिसाइल डिफेंस को बेअसर करने के लिए डिजाइन की गई है.
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सामान्य क्रूज मिसाइलें जेट इंजन से चलती हैं, लेकिन बुरेवेस्तनिक का राज इसका परमाणु प्रोपल्शन है.

कार्यप्रणाली: छोटा परमाणु रिएक्टर हवा को गर्म करता है, जो फैलकर मिसाइल को आगे धकेलता है. इससे ईंधन की कोई चिंता नहीं – यह पृथ्वी की परिक्रमा कई बार कर सकती है.
रेंज: 20,000 किलोमीटर या इससे ज्यादा. हाल के टेस्ट में यह 14,000 किलोमीटर उड़ी.
चालाकी: उड़ते हुए रास्ता बदल सकती है. कम ऊंचाई पर घुमावदार ट्रैजेक्टरी ले सकती है. अमेरिकी THAAD या एजिस सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए बने हैं, लेकिन यह उन्हें आसानी से चकमा दे सकती है.
खतरा: अगर दुर्घटनाग्रस्त हो जाए, तो रेडियोएक्टिव लीक हो सकता है. अमेरिकी विशेषज्ञ इसे "फ्लाइंग चेर्नोबिल" कहते हैं, क्योंकि 1986 के चेर्नोबिल हादसे की तरह पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.

रूस ने दशकों से उन्नत हथियारों पर निवेश किया है. बुरेवेस्तनिक का प्रोजेक्ट 2000 के दशक में शुरू हुआ, लेकिन पुतिन ने इसे पहली बार 1 मार्च 2018 को अपने भाषण में पेश किया. उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी मिसाइल डिफेंस को बेअसर कर देगा.
टेस्टिंग इतिहास...
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चुनौतियां: परमाणु रिएक्टर को छोटा और सुरक्षित बनाना मुश्किल. रेडिएशन कंट्रोल, इंजन स्थिरता और क्रैश से बचाव बड़ी समस्या. अमेरिकी रिपोर्ट (NASIC 2020) ने कहा था कि अगर यह सफल हो गया, तो रूस को अनोखा हथियार मिलेगा. 1950-60 के दशक में अमेरिका ने भी ऐसा प्रोजेक्ट (SLAM) ट्राई किया, लेकिन खतरे की वजह से बंद कर दिया गया.

2025 में बुरेवेस्तनिक फिर सुर्खियों में है. सैटेलाइट इमेज से नई टेस्टिंग के संकेत मिले.
अगस्त 2025 में एयरस्पेस बंद (7-12 अगस्त, फिर 6 सितंबर तक बढ़ाया). अमेरिकी WC-135 न्यूक स्निफर प्लेन ने बारेंट्स सी पर निगरानी की. 26 अक्टूबर 2025: पुतिन ने घोषणा की कि टेस्ट सफल रहा – मिसाइल 15 घंटे उड़ी, 14,000 किमी कवर किया. रूस अब इसे तैनात करने की तैयारी कर रहा है. साथ ही Yars और Sineva बैलिस्टिक मिसाइलों के टेस्ट भी हुए.