ईरान और इज़रायल के बीच तनाव फिर से बहुत बढ़ गया है. नवंबर 2025 की नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि ईरान अपनी पुरानी परमाणु हथियार वाली साइट तालेघान-2 (Taleqan-2 या Taleghan-2) को तेजी से फिर से बना रहा है. यह साइट तेहरान के पास पारचिन मिलिट्री कॉम्प्लेक्स में है. विशेषज्ञों को डर है कि यहां परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी हाई-एक्सप्लोसिव टेस्ट हो सकते हैं.
साल 2000 के शुरू में ईरान का गुप्त प्रोजेक्ट था – अमाद प्लान. इसका मकसद परमाणु बम बनाना था. तालेघान-2 इसी प्रोजेक्ट का मुख्य केंद्र था. यहां बम में धमाका करने वाले पार्ट्स (हाई एक्सप्लोसिव) का टेस्ट होता था. अक्टूबर 2024 में इज़रायल ने इस साइट पर बमबारी करके इसे पूरी तरह तबाह कर दिया था. अब सिर्फ 1 साल बाद ही ईरान ने दोबारा निर्माण शुरू कर दिया है – मई 2025 से काम चल रहा है.
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ईरान ने इसे छुपाने की भी पूरी कोशिश की – ऊपर से काले कवर डालकर. आसमान से न दिखे. रिपोर्ट में साफ कहा गया है – 100% पक्का नहीं है कि यह परमाणु बम के लिए ही है, लेकिन जगह और पुराना इतिहास देखकर बहुत बड़ा शक है.
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ईरान हमेशा की तरह कहता है – हमारा न्यूक्लियर प्रोग्राम सिर्फ बिजली और मेडिसिन के लिए है. परमाणु बम बनाना हमारे धर्म में हराम है. लेकिन दुनिया को यकीन नहीं है कि ईरान 90% तक यूरेनियम एनरिच कर चुका है – यानी बम बनाने से बस एक कदम दूर.

इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं – ईरान को कभी परमाणु बम नहीं बनाने देंगे. 2024 और 2025 में इज़रायल ने ईरान की कई न्यूक्लियर साइट्स, मिसाइल फैक्ट्री और वैज्ञानिकों पर हमले किए थे. अब तालेघान-2 फिर बन रही है तो इज़रायल फिर से हमला कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत जल्द कोई बड़ा एक्शन हो सकता है.
अमेरिका, इज़रायल का पूरा साथ दे रहा है. IAEA (संयुक्त राष्ट्र की न्यूक्लियर वॉचडॉग) बार-बार कह रही है – ईरान सहयोग नहीं कर रहा, पुरानी साइट्स की जांच नहीं करने दे रहा. अभी तक ईरान ने कोई परमाणु टेस्ट करने की आधिकारिक घोषणा नहीं की है. ईरान चुपके-चुपके अपनी पुरानी परमाणु बम वाली साइट फिर से तैयार कर रहा है. दुनिया को डर है कि वह बम बनाने की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है. इज़रायल फिर हमला कर सकता है.