पाकिस्तानी नौसेना की हमलावर पनडुब्बी PNS Ghazi 1971 के युद्ध के दौरान विशाखापत्तनम के पास समंदर में रहमस्यमयी तरीके से डूब गई थी. इसमें सवार 93 पाकिस्तानी नौसैनिक मारे गए थे. इसके अवशेषों को पिछले साल बंगाल की खाड़ी में खोजा गया. जो हमारी नौसेना की बहादुरी का सबूत है.
नौसेना के अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि हमने गाजी को नजदीक से देखा लेकिन उसे छुआ नहीं. क्योंकि भारतीय नौसेना अपनी परंपराओं और मरने वालों के प्रति अपनी संवेदना को व्यक्त करती है. गाजी को 1971 के युद्ध के समय विशाखापत्तनम के पास जासूसी करने के लिए भेजा गया था. लेकिन वह अनजान वजहों से डूब गई.
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कुछ लोगों का मानना है कि इसे INS Rajput ने डुबोया था. जबकि पाकिस्तान का मानना है कि गाजी के अंदर विस्फोट हुआ था. वह विस्फोट भारतीय नौसेना द्वारा बिछाए गए समुद्री बारूदी सुरंगों से टकराने से हुआ था. ये सुरंगें इसलिए बिछाई गई थीं, ताकि विशाखापत्तनम पोर्ट की सुरक्षा हो सके.

कहानी क्या प्रचलित है?
1971 में भारत से युद्ध करते समय पाकिस्तान ने चुपके से PNS गाज़ी सबमरीन को भारतीय एयरक्राफ्ट को डुबोने के लिए रवाना किया था. लेकिन भारतीय नौसेना के INS Rajput ने इस नष्ट कर दिया. ये कहानी 14 नवंबर 1971 की है. गाज़ी पनडुब्बी ने 4800 किलोमीटर की यात्रा चुपके से करते हुए अरब सागर पार करते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुंच गया था.
इसकी कमांड जफर मुहम्मद के हाथ में थी. जिसमें 10 अधिकारी और 82 सेलर्स थे. मकसद था भारतीय INS विक्रांत एयरक्राफ्ट करियर को लोकेट करके डुबोना. 4 दिसंबर 1971 को PNS Ghazi रहस्यमयी तरीके से डूब गया. कहानियां तो यही कहती हैं. भारतीय नौसेना का दावा है कि उसने गाज़ी को डुबो दिया. लेकिन पाकिस्तान इससे इंकार करता है.
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पाकिस्तान फिर बनवा रहा PNS Ghazi Submarine
पाकिस्तान अब एक नई पनडुब्बी चीन (China) से बनवा रहा है जिसे PNS Ghazi वॉरियर अटैक सबमरीन नाम दिया गया है. अब पाकिस्तान फिर से चीन की मदद से हंगोर क्लास सबमरीन (Hangor Class Submarine) के तहत 8 पनडुब्बियां बनवा रहा है. चार चीन में बनेंगी और चार पाकिस्तान में. पहली चार पनडुब्बियों में दूसरे नंबर पर पीएनएस गाज़ी का नाम है. जो साल 2023 में चीन पाकिस्तान को देगा.
पीएनएस गाज़ी (वॉरियर) अटैक सबमरीन डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है. यह 2800 टन की अटैक सबमरीन है. इसकी लंबाई 249.4 फीट होगी. बीम संभावित 27.7 फीट और ड्रॉट 20.4 फीट है. खास बात ये है कि यह नई तकनीक एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) से लैस है. यानी ये दो हफ्ते से ज्यादा समय तक पानी के अंदर गहराई में रह सकता है. इसकी अधिकतम गति 37 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी.

खतरनाक हथियारों से लैस होगी ये पनडुब्बियां
पीएनएस गाज़ी में 21 इंच के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं. यानी इसमें छह Yu-6 टॉरपीडो तैनात होंगे. इसके अलावा सबमरीन लॉन्च्ड बाबर-3 क्रूज मिसाइल तैनात की जाएंगी. पाकिस्तान के पास फिलहाल बाबर का लैंड अटैक मिसाइल सिस्टम है. यह एक सबसोनिक यानी 1000 km/hr प्रतिघंटा से कम गति में उड़ने वाली मिसाइल है. साथ में YJ-82 एंटी-शिप मिसाइलें तैनात होंगी. ये मिसाइलें में भी सबसोनिक ही होंगी.
हंगोर क्लास सबमरीन (Hangor Class Submarine) में जो 8 सबमरीन हैं- उनके नाम हैं- PNS Hangor(Shark), PNS Ghazi (Warrior), PNS Shushuk (South Asian river dolphin), PNS Mangro, PNS Tasnim (Ahmed Tasnim), PNS Seem Maai (Carp)और बाकी दो पनडुब्बियों का नाम अभी तय नहीं किया गया है.
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पहले चार यानी PNS Hangor(Shark), PNS Ghazi (Warrior), PNS Shushuk (South Asian river dolphin), PNS Mangro तक चीन पाकिस्तानी नौसेना को दे देगा. इसके बाद बाकी के चार पनडुब्बियां साल 2028 में पाकिस्तानी नौसेना को मिलेंगी. आखिरी की चार पनडुब्बियां कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स में बनाई जाएंगी.
भारत की सिंधुघोष सबमरीन देंगी टक्कर

भारत के पास सिंधुघोष क्लास/किलो क्लास (Sindhughosh Class/Kilo Class) की 8 ऐसी पनडुब्बियां हैं, पाकिस्तान की नई पनडुब्बी को किसी भी समय चकमा देकर उसे नष्ट कर सकती हैं. ये 3076 टन की हैं. पाकिस्तान को शायद ये नहीं पता कि भारत की सिंधुघोष क्लास की 8 पनडुब्बियों में क्लब-एस यानी कैलिबर क्रूज मिसाइलें तैनात हैं. जो 3581 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हमला करती हैं.
टाइप 53 टॉरपीडो हैं, जो 83 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दुश्मन की पनडुब्बी और युद्धपोत का समुद्र में कब्र बना देती हैं. इसके अलावा टेस्ट 71/76 एंटी-सबमरीन, एक्टिव पैसिव होमिंग टॉरपीडो भी लगी हैं. इन पनडुब्बियों में 24 टॉरपीडोस तैनात रहती हैं.
वैसे भी पाकिस्तान की हिम्मत नहीं होगी ऐसी हिमाकत करने की. अगर कर भी ली तो उसे पता है कि भारतीय सेनाएं जमीन, आसमान और पानी से ऐसा हमला करेंगी कि वो छलनी हो जाएगा. पाकिस्तान की नौसेना दुनिया की दस ताकतवर नौसेनाओं में कहीं शामिल नहीं है. जबकि भारतीय नौसेना चौथे रैंक पर है.