भारतीय वायुसेना (IAF) ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9-10 मई 2025 की रात पाकिस्तान के भोलारी एयरबेस पर एक सटीक हमला किया, जिसने पाकिस्तानी वायुसेना (PAF) को गहरे झटके दिए. इस हमले में ब्रह्मोस मिसाइल ने एक हैंगर को निशाना बनाया, जिसमें एक साब 2000 AWACS (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम) और 3-4 पश्चिमी मूल के लड़ाकू विमान (संभवतः F-16) नष्ट हो गए. इस हमले ने पाकिस्तान की हवाई रक्षा और कमांड सिस्टम को पूरी तरह पंगु बना दिया.
भोलारी एयरबेस पर हमला
9-10 मई की रात, IAF ने लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइल से भोलारी एयरबेस के एक खास हैंगर पर हमला किया. यह एयरबेस कराची के पास जामशोरो जिले में है. पाकिस्तान की दक्षिणी हवाई कमान का प्रमुख केंद्र है. हैंगर में मौजूद थे...
ब्रह्मोस मिसाइल ने हैंगर की छत में एक छोटा छेद किया, लेकिन अंदर भारी तबाही मचाई. सैटेलाइट तस्वीरों से हैंगर और उसके आसपास की संरचनाओं को भारी नुकसान की पुष्टि हुई. इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, इस हमले का तकनीकी विश्लेषण रक्षा मुख्यालय में जारी है.
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रणनीतिक हमले और डिकॉय का उपयोग
IAF ने इस ऑपरेशन में गजब की रणनीति दिखाई...
जाल और डिकॉय: IAF ने डमी विमान और लोइटरिंग मुनिशन्स (जैसे इजरायली हारोप ड्रोन) का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी रडार और HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय होने पर मजबूर किया. जैसे ही ये सिस्टम चालू हुए, IAF ने उन्हें नष्ट कर दिया.
रडार और मिसाइल लॉन्चर नष्ट: IAF ने पाकिस्तानी पंजाब के सामने तैनात 4-5 प्रमुख एयर डिफेंस मिसाइल लॉन्चर और अमेरिकी AN/TPS-77 व चीनी रडार को ध्वस्त किया. पासरूर, सियालकोट और चुनियां में रडार साइटें भी नष्ट हुईं.
कमांड सिस्टम ठप: 9-10 मई की रात, IAF ने पाकिस्तानी वायुसेना के कमांड और कंट्रोल सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया. 10 मई की सुबह तक, पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली पूरी तरह पंगु हो चुकी थी.
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केवल हवाई हथियारों का उपयोग
IAF ने इस संघर्ष में केवल हवाई हथियारों (जैसे ब्रह्मोस, स्कैल्प, हैमर, और क्रिस्टल मेज मिसाइल) का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान ने जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों और ड्रोनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया, लेकिन IAF ने S-400, आकाश और MRSAM जैसे सिस्टमों से इन हमलों को नाकाम कर दिया. सुखोई Su-30 MKI और राफेल विमानों ने बिना सीमा पार किए, लंबी दूरी से हमले किए.

S-400 की अभूतपूर्व ताकत
S-400 ट्रायम्फ ने इस ऑपरेशन में अपनी ताकत साबित की...
8-9 मई को S-400 ने तेज गति से आने वाले पाकिस्तानी लक्ष्यों (ड्रोन और मिसाइल) को नष्ट किया.
विश्व रिकॉर्ड: S-400 ने 314 किमी की दूरी पर एक साब 2000 AWACS को मार गिराया, जो सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) का सबसे लंबा निशाना है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा है कि दूसरा AWACS भी 350 किमी की दूरी पर नष्ट हुआ.
S-400 की गतिशीलता और A2AD (एंटी-एक्सेस एरिया डिनायल) जोन ने पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया.
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सबूत और निगरानी
IAF के पास हमलों के पुख्ता सबूत हैं...
भोलारी एयरबेस का महत्व

स्थान: कराची से 70 किमी उत्तर-पूर्व में, दक्षिणी हवाई कमान का केंद्र.
सुविधाएं: F-16, JF-17 और साब 2000 AWACS जैसे उन्नत विमानों की मेजबानी. समुद्री निगरानी और त्वरित तैनाती के लिए महत्वपूर्ण.
नुकसान का प्रभाव
साब 2000 AWACS का नष्ट होना PAF की निगरानी और युद्ध प्रबंधन क्षमता के लिए बड़ा झटका है. यह विमान 450+ किमी तक निगरानी करता है. 3-4 पश्चिमी लड़ाकू विमानों (संभवतः F-16) का नुकसान PAF की हवाई श्रेष्ठता को कमजोर करता है. कराची और अरब सागर में पाकिस्तान की रक्षा कमजोर हुई.
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ऑपरेशन सिंदूर का पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई 2025 को शुरू हुआ, जो 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले (26 मृत) का जवाब था. भारत ने इसे पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का काम माना. IAF ने 11 पाकिस्तानी एयरबेस (नूर खान, रफीकी, मुरिद, सक्खर, भोलारी, आदि) और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया.
पाकिस्तानी जवाबी हमला: 8-10 मई को 413 ड्रोन और 860 मिसाइल हमले, सभी नाकाम. 10 मई को अमेरिका की मध्यस्थता से युद्धविराम.
नुकसान और प्रभाव
20% PAF बुनियादी ढांचा नष्ट: 50+ कर्मी मारे गए, जिसमें स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ शामिल. साब 2000 AWACS और F-16 जैसे उच्च-मूल्य के विमान नष्ट. रडार और कमांड सेंटर ध्वस्त, जिससे PAF की प्रतिक्रिया क्षमता खत्म.