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भारत के लिए फिर राकेश शर्मा मोमेंट... कल भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन स्पेसएक्स ड्रैगन से रवाना होगा

शुभांशु शुक्ला 10 जून को स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. Ax-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन है. भारत ने 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. शुभांशु 7 भारतीय और 5 नासा के प्रयोग करेंगे. यह मिशन गगनयान की तैयारी में मदद करेगा. यह पल हमें पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट राकेश शर्मा की याद दिलाता है.

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ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कल शाम स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय हैं. (फाइल फोटोः Axiom/India Today Archive)
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कल शाम स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय हैं. (फाइल फोटोः Axiom/India Today Archive)

भारत के लिए एक नया गौरवशाली पल आने वाला है. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (#Shux) 10 जून की शाम भारतीय समयानुसार शाम 5:52 बजे स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे. 11 जून 2025 को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे. यह मिशन एक्स-4 (Ax-4) का हिस्सा है. यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक मील का पत्थर है, बल्कि यह राकेश शर्मा के 1984 के ऐतिहासिक मिशन की याद दिलाता है. आइए समझते हैं कि शुभांशु शुक्ला और Ax-4 मिशन की कहानी क्या है? इसके पीछे के तथ्य क्या हैं?

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नीचे Video में देखिए क्या पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बारे में...

शुभांशु शुक्ला का सफर

शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन हैं. गगनयान कार्यक्रम के चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं. उन्हें 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Ax-4 मिशन के लिए चुना गया था. यह मिशन भारत और नासा के बीच सहयोग का परिणाम है. शुभांशु ने स्पेसएक्स और एक्सिओम स्पेस से विशेष ट्रेनिंग ली है. 

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 Axiom Mission Shubhanshu Shukla Rakesh Sharma

Ax-4 मिशन क्या है?

Ax-4 मिशन स्पेसएक्स का 53वां ड्रैगन मिशन है, जो 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन और 48वां ISS यात्रा (कर्मचारी और मालवाहक दोनों) होगी. इस मिशन में शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी हैं: कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), मिशन स्पेशलिस्ट स्लावोस उज्नांस्की (पोलैंड) और मिशन स्पेशलिस्ट टिबोर कापू (हंगरी). वे 11 जून को दोपहर 12:30 बजे (EDT) ISS से जुड़ेंगे. भारतीय समयानुसार रात में 10 बजे.

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लॉन्च में बदलाव

मिशन की शुरुआत पहले 8 जून को होनी थी, लेकिन मौसम की खराब स्थिति और अंतरिक्ष यान की तैयारियों के कारण इसे 10 जून कर दिया गया. नासा और स्पेसएक्स की टीमों ने कहा कि यह बदलाव मौसम की भविष्यवाणी और फाल्कन 9 रॉकेट व ड्रैगन अंतरिक्ष यान की परिवहन प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया गया है.अब लॉन्च 10 जून को होगा और 11 जून को ISS से जुड़ाव होगा, जैसा कि एक्सिओम स्पेस ने बताया.

 Axiom Mission Shubhanshu Shukla Rakesh Sharma
 
भारत ने इस मिशन पर अब तक कम से कम 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इसमें लॉन्च के साथ-साथ शुभांशु शुक्ला और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है. ISS पर पहुंचने के बाद शुभांशु 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने बनाए हैं. इनमें ज्यादातर जैविक प्रयोग होंगे, जैसे कि पौधों के बीज और मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर. इसके अलावा वे नासा के साथ 5 और प्रयोग करेंगे, जो मानव अनुसंधान से जुड़े हैं.

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राकेश शर्मा की याद

शुभांशु शुक्ला का यह मिशन राकेश शर्मा की 1984 की ऐतिहासिक यात्रा की याद दिलाता है, जब राकेश शर्मा सोवियत संघ के साथ मिलकर अंतरिक्ष में गए थे. राकेश शर्मा पहले भारतीय थे, जो अंतरिक्ष में गए. उन्होंने "सारे जहां से अच्छा" गाकर पूरे देश को गौरवान्वित किया. शुभांशु की यात्रा भी उसी तरह का गौरव लेकर आएगी. यह गगनयान मिशन की तैयारी में मदद करेगी.

 Axiom Mission Shubhanshu Shukla Rakesh Sharma

अंतरिक्ष यान और नाम

एक्स-4 मिशन के लिए इस्तेमाल होने वाला ड्रैगन अंतरिक्ष यान पूरी तरह नया है. स्पेसएक्स के ड्रैगन मिशन मैनेजमेंट डायरेक्टर सारा वॉकर ने बताया कि यह यान क्रू द्वारा एक नाम दिया जाएगा. कमांडर पेगी व्हिटसन ने पिछले हफ्ते कहा कि नया नाम जल्द ही घोषित होगा.

ट्रंप-मस्क विवाद का असर

हाल ही में स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच विवाद हुआ था. लेकिन नासा और एक्सिओम ने स्पष्ट किया कि यह मिशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दोनों पक्षों ने सार्वजनिक रूप से समयसीमा पर प्रतिबद्धता जताई है, इसलिए यह मिशन सुचारू रूप से चलेगा.

 Axiom Mission Shubhanshu Shukla Rakesh Sharma

शुभांशु शुक्ला का Ax-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ रहा है. यह मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रगति लाएगा, बल्कि भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. 11 जून को जब वे ISS से जुड़ेंगे, तो पूरा भारत उनके साथ होगा. यह मिशन राकेश शर्मा की याद दिलाता है. गगनयान मिशन की तैयारी में मदद करेगा. आने वाले समय में शुभांशु की यात्रा भारत के लिए एक प्रेरणा बनेगी.

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