भारतीय सेना की सबसे खतरनाक हथियार प्रणालियों में से एक है पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL). इसे DRDO ने बनाया है. यह पूरी तरह स्वदेशी है. नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' से लिया गया है. यह सिस्टम दुश्मन के बड़े इलाके को कुछ ही सेकंड में तबाह कर सकता है. हाल ही में 120 किलोमीटर रेंज वाली गाइडेड पिनाका का सफल परीक्षण हुआ है, जो इसे और घातक बना रहा है.
पिनाका को ग्रिड इरेज़र कहा जाता है क्योंकि यह 1 किलोमीटर x 1 किलोमीटर के पूरे इलाके को 44 सेकंड से कम समय में मिटा सकता है. महंगे मिसाइलों के मुकाबले यह सस्ता लेकिन बहुत प्रभावी है. आइए जानते हैं इसकी मुख्य विशेषताएं और ताकत...
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पुरानी पिनाका इलाके पर बौछार करती थी, लेकिन नई गाइडेड पिनाका सटीक निशाना लगाती है.

ड्रोन के जमाने में रुकना मतलब मौत. पिनाका इसके लिए परफेक्ट है. रुककर 12 रॉकेट दागो. पहला रॉकेट गिरने से पहले ही जगह बदल लो. दुश्मन का काउंटर रडार पता लगाए, तब तक पिनाका दूर चला जाता है. यह हाई मोबिलिटी ट्रक पर लगा है, पहाड़ों में भी आसानी से चलता है.
पिनाका पहाड़ी इलाकों (कारगिल में साबित) में अच्छा काम करता है. मजबूत और सस्ता है. आर्मेनिया ने 2022 में 4 बैटरी खरीदीं (लगभग 2000 करोड़ की डील), अजरबैजान के खिलाफ इस्तेमाल किया. अजरबैजान को पाकिस्तान और तुर्की सपोर्ट करते हैं, इसलिए भारत का आर्मेनिया को सपोर्ट रणनीतिक है. कई दक्षिण-पूर्व एशियाई और यूरोपीय देश रुचि दिखा रहे हैं.

फ्रांस अपनी पुरानी M270 सिस्टम बदलना चाहता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्रांसीसी सेना पिनाका का मूल्यांकन कर रही है. अगर डील हुई तो यह भारतीय डिफेंस टेक के लिए इतिहास की सबसे बड़ी मान्यता होगी.
पश्चिमी सिस्टम (जैसे HIMARS) बहुत महंगे हैं. पिनाका कम कीमत में भारी आग बरसाता है. बजट कम होने वाले देशों (जैसे आर्मेनिया) के लिए यह बराबरी का हथियार है – मजबूत, भरोसेमंद और सस्ता.
पिनाका आग की दीवार बनाता है, जिसमें कोई सेना घुसना नहीं चाहेगी. यह 100% भारतीय है. घातक है. तैयार है. कारगिल युद्ध में इसने दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया था. अब 120 किमी रेंज वाली नई वर्जन से यह और दूर तक मार करेगा.