scorecardresearch
 
Advertisement

आर्मेनिया

आर्मेनिया

आर्मेनिया

आर्मेनिया (Armenia) दक्षिण कॉकसस क्षेत्र में स्थित एक छोटा, लेकिन ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध देश है. यह एशिया और यूरोप की सीमाओं पर स्थित है, और इसकी सीमाएं तुर्की, जॉर्जिया, अज़रबैजान और ईरान से मिलती हैं. आर्मेनिया को विश्व का पहला ईसाई राष्ट्र होने का गौरव प्राप्त है, जिसने ईसा के लगभग 301 ई. में ईसाई धर्म को आधिकारिक धर्म के रूप में स्वीकार किया.

आर्मेनिया एक स्थलीय (landlocked) देश है, यानी इसकी कोई समुद्री सीमा नहीं है. यह अधिकतर पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है और यहां ज्वालामुखीय पर्वत, घाटियां और झीलें देखी जा सकती हैं. इस देश की सबसे ऊंची चोटी माउंट अरागात्स (Mount Aragats) है. झील सेवान (Lake Sevan) आर्मेनिया की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है और पर्यटन का प्रमुख केंद्र भी.

आर्मेनिया का इतिहास प्राचीन है और इसकी जड़ें हज़ारों वर्षों पुरानी सभ्यताओं में मिलती हैं. यह क्षेत्र कई महान साम्राज्यों जैसे रोमन, पर्शियन, बायज़ेंटाइन, अरब और ओटोमन के अधीन रहा है. 20वीं सदी की शुरुआत में, 1915 में, आर्मेनियाई नरसंहार (Armenian Genocide) हुआ, जिसमें लाखों आर्मेनियाई लोगों की हत्या ओटोमन तुर्कों द्वारा की गई. आज भी यह घटना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में विवाद का विषय है.

आर्मेनिया की संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविधतापूर्ण है. यहां की भाषा 'आर्मेनियाई' है, और इस देश की अपनी एक विशेष लिपि है जिसे मेस्रोप मशतोत्स ने चौथी सदी में विकसित किया था. आर्मेनियाई चर्च, जो ईसाई धर्म की एक प्राचीन शाखा है, यहां के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

आर्मेनिया एक संसदीय गणराज्य (Parliamentary Republic) है, जहां राष्ट्रपति एक औपचारिक पद है और कार्यकारी शक्ति प्रधानमंत्री के हाथ में होती है. यहां की संसद को 'नेशनल असेंबली' कहा जाता है.

आर्मेनिया की अर्थव्यवस्था कृषि, खनिज संसाधनों, सूचना प्रौद्योगिकी और पर्यटन पर आधारित है. यहां अंगूर, खुबानी और अनार जैसे फलों की खेती प्रसिद्ध है. विदेशों में बसे आर्मेनियाई प्रवासियों द्वारा भेजा गया धन भी देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
 

और पढ़ें

आर्मेनिया न्यूज़

Advertisement
Advertisement