कारगिल (Kargil), कश्मीर के उत्तर में स्थित एक शहर, जो अपनी शांत सुंदरता और पर्यटक आकर्षणों के लिए जाना जाता है. यह समुद्र तल से लगभग 8,780 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह भारत के सबसे महत्वपूर्ण सामरिक और ऐतिहासिक स्थलों में से एक माना जाता है, खासकर 1999 के कारगिल युद्ध के कारण, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को पीछे हटाने में अद्वितीय वीरता दिखाई थी.
कारगिल लद्दाख की ज़ांस्कर और सुरू नदियों के संगम पर स्थित है. यह श्रीनगर-लेह राजमार्ग (NH-1) पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है. यहां का मौसम अत्यंत ठंडा होता है, सर्दियों में तापमान -20°C तक गिर सकता है. गर्मियों में यहां की सुंदरता अपने चरम पर होती है और यह समय पर्यटकों के लिए अनुकूल माना जाता है.
कारगिल का इतिहास तिब्बती, बल्ती और डोगरा राजवंशों से जुड़ा है. 1971 और 1999 के भारत-पाक युद्धों में यह क्षेत्र अत्यंत महत्त्वपूर्ण युद्धस्थल बना. कारगिल युद्ध में भारत ने "ऑपरेशन विजय" के माध्यम से पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर अपनी भूमि की रक्षा की. आज "कारगिल वार मेमोरियल" देशभक्ति और बलिदान का प्रतीक बन चुका है.
कारगिल में मुस्लिम (विशेष रूप से शिया) समुदाय का बहुल्य है, लेकिन यहां बौद्ध और हिंदू भी निवास करते हैं. यहां की संस्कृति लद्दाखी, बल्ती और कश्मीरी परंपराओं का मिश्रण है. स्थानीय लोग मुख्यतः पशुपालन और कृषि पर निर्भर हैं, हालांकि अब पर्यटन भी एक महत्त्वपूर्ण आय का स्रोत बन गया है.
भारतीय सेना 26वें करगिल विजय दिवस (26 जुलाई 2025) के लिए स्मृति कार्यक्रम शुरू कर रही है. 545 परिजनों को सम्मानित करने के लिए विशेष आउटरीच ड्राइव होगी. 25 राज्यों और 02 केंद्र शासित प्रदेशों, और नेपाल का दौरा होगा. 26 जुलाई को द्रास में Wreath Laying Ceremony होगी.
नागपुर की सुनीता जामगड़े कारगिल से लापता होकर पाकिस्तान चली गई थी. पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें बीएसएफ को सौंपा है. महिला मानसिक रूप से अस्थिर बताई जा रही है और उसकी जांच तेज कर दी गई है. अब सुरक्षा एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं.
नागपुर की सुनीता जामगडे कारगिल से रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई हैं. वह 12 वर्षीय बेटे के साथ लद्दाख घूमने गई थीं. महिला पहले भी सीमा पार करने की कोशिश कर चुकी है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. पुलिस लद्दाख और अमृतसर में छानबीन कर रही है, जबकि बेटा CWC की कस्टडी में है.
नवाज शरीफ जिस मकसद से पाकिस्तान पहुंचे थे, आते ही काम पर लग गये थे. कोशिशें कामयाब ही मानी जानी चाहिये - अब नवाज शरीफ को क्रेडिट कितना मिलता है, ये बात अलग है.
भारत और पाकिस्तान जंग की दहलीज पर खड़े हैं, लेकिन नवाज शरीफ नहीं चाहते कि तनाव कम करने की कोशिशें हों. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को उनके बड़े भाई की सलाह है कि कूटनीतिक तरीके से हालात को संभालने के प्रयास हों - ताकि पाकिस्तान को फिर से कारगिल जंग जैसी फजीहत न झेलनी पड़े.
मुमकिन है आसिम मुनीर भी परवेज मुशर्रफ जैसे ही सपने देख रहे हों. हो सकता है, अभी तख्तापलट का कोई इरादा न हो. पहले जंग में खुद को आजमाना चाहते हों - लेकिन, कारगिल के नतीजे और मुशर्रफ की जिंदगी में झांक कर देख लें, तो सामने अपना भविष्य साफ नजर आएगा.
ऑपरेशन सिंदूर के बीच राजकुमार राव और वामिका गब्बी की फिल्म 'भूल चूक माफ' की थिएट्रिकल रिलीज कैंसिल हो गई. आमिर खान ने 'सितारे जमीं पर' का ट्रेलर लॉन्च टाल दिया है. फिल्म बिजनेस पर इस फिल्म का क्या असर होने वाला है? कारगिल युद्ध के समय आई फिल्मों का क्या हाल था? आइए बताते हैं...
1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारत ने एक्ट्रेस रवीना टंडन की तरफ से एक मिसाइल पाकिस्तान पर दागी थी. ये तब हुआ था जब पाकिस्तानी सैनिकों ने शहीद भारतीय सैनिकों के पार्थिव शरीर वापस करने के बदले रवीना और माधुरी दीक्षित को भेजने की शर्त रखी थी. इस बात का जवाब देते हुए भारतीय एयर फोर्स ने रवीना की ओर से एक मिसाइल पड़ोसी मुल्क भेज दी जिसपर लिखा था, "रवीना टंडन की ओर से नवाज शरीफ के लिए.
1947 की जंग से 'Operation Sindoor' तक, जानिए भारत ने पाकिस्तान को कब-कब धूल चटाई
कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के बर्ताव से हमें दो अहम बातें पता चलती हैं. पहली, अपने परमाणु ब्लैकमेल और शेखी बघारने के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ पारंपरिक युद्ध लड़ने से कतराता है. दूसरी, जब भी वह खुद को बचाना चाहता है, तो वह वॉशिंगटन या अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर हो जाता है.
इससे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध लड़ा गया था. इस युद्ध के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन भी चर्चा में आई थीं. असल में भारत ने रवीना की तरफ से एक मिसाइल पाकिस्तान पर दागी.