ऑपरेशन सिंदूर – यह नाम भारत की सैन्य इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा जाएगा. 7 मई की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी कैंपों पर 24 सटीक हमले किए. इसमें स्वदेशी पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) ने 120 किमी दूर सप्लाई लाइन, बंकर और स्टेजिंग एरिया को मिनटों में नेस्तनाबूद कर दिया.
DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत के मुताबिक यह हमला 'डिटरेंस बाय पनिशमेंट' का बेहतरीन उदाहरण था – पाकिस्तान को सजा देकर अगली बार सोचने पर मजबूर किया. अब कल्पना कीजिए, जब 300 किमी रेंज वाला नया पिनाका-Mk4 साल 2030 तक सेना में शामिल हो जाएगा, तो दुश्मन का क्या हाल होगा?
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ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले से हुई, जिसमें 26 निर्दोष मारे गए. भारत ने पाकिस्तान को दोषी ठहराया, लेकिन पाकिस्तान ने इनकार किया. 7-8 मई की आधी रात को भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला बोला – 5 पाक-अधिकृत कश्मीर में, 4 पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में.
पिनाका की भूमिका: Mk-3 वेरिएंट (120 किमी रेंज) ने ब्रह्मोस मिसाइल, राफेल जेट्स (SPICE-2000 और HAMMER बमों से लैस) और स्मर्च के साथ मिलकर 24 स्ट्राइक्स किए. एक बैटरी (6 लॉन्चर) ने 44 सेकंड में 72 रॉकेट दागे, जो 1,000 x 800 मीटर इलाके को तबाह करने में सक्षम हैं.
सैटेलाइट इमेज से साबित हुआ – मुरिदके, सियालकोट और जैकोबाबाद के कैंप ध्वस्त हो गए. 100+ आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 अपहरण और पुलवामा ब्लास्ट के आरोपी शामिल थे.
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पाकिस्तान का जवाब और भारत की ढाल: पाक ने ड्रोन और मिसाइलों से जवाबी हमला किया (श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट पर). लेकिन भारत का S-400, इंटीग्रेटेड काउंटर-ड्रोन ग्रिड और पिनाका ने सब नाकाम कर दिया. आर्मी ने वीडियो जारी कर कहा कि हमारी सेना आग की अटल दीवार है. कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ बल्कि इंडस वॉटर ट्रीटी को भारत ने सस्पेंड कर दिया.
यह ऑपरेशन उरी स्ट्राइक (2016) और बालाकोट (2019) से आगे का कदम था – गहराई, सटीकता और जोखिम में वृद्धि हुई. रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (RUSI) के अनुसार, इससे भारत की 'कैलिब्रेटेड फोर्स' स्ट्रैटेजी मजबूत हुई.

पिनाका का सफर: 38 किमी से 300 किमी तक की उड़ान
पिनाका (भगवान शिव के धनुष का नाम) DRDO ने 1986 में विकसित किया, रूसी ग्रैड-स्मर्च को रिप्लेस करने के लिए. कारगिल युद्ध (1999) में पहली बार इस्तेमाल हुआ. पाकिस्तानी बंकर उड़ाए. आज 4 रेजिमेंट (72+ लॉन्चर) तैनात, 2030 तक 22 रेजिमेंट होंगी.
पिनाका रॉकेट सॉलिड फ्यूल पर चलता है, जो बैलिस्टिक मिसाइल जैसी तेजी देता है. Mk4 में...
वैज्ञानिक रूप से, यह आर्टिलरी और टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल के बीच पुल है. RAND सिमुलेशन के अनुसार, Mk4 से भारत की डीप-स्ट्राइक क्षमता 3 गुना बढ़ेगी.