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11 साल की आत्मनिर्भरता: भारत अब अमेरिका, फ्रांस और 80 देशों को बेच रहा रक्षा सामान

भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये पहुंचा, जो पिछले साल 21,083 करोड़ से 12.04% बढ़ा. 2029 तक 50,000 करोड़ का लक्ष्य है. डीपीएसयू और प्राइवेट कंपनियों ने 8,389 और 15,233 करोड़ का निर्यात किया. अमेरिका, फ्रांस और 80 देश खरीदार है. रक्षा उत्पादन 174% बढ़ा है.

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2020 में लखनऊ डिफेंस एक्सपो के दौरान भीष्म टैंक. (फाइल फोटोः India Today Archive)
2020 में लखनऊ डिफेंस एक्सपो के दौरान भीष्म टैंक. (फाइल फोटोः India Today Archive)

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की शुरुआत कई दशक पहले हो गई थी, लेकिन पिछले 11 सालों में इसने अभूतपूर्व गति पकड़ी है. आज भारत दुनिया में अपनी रक्षा क्षमताओं के मामले में कई एलीट ग्रुप्स का सदस्य बन गया है. भारत न केवल अपनी सेना को स्वदेशी सैन्य उपकरणों से मजबूत कर रहा है. बल्कि इन्हें दुनिया भर के देशों को बेच भी रहा है. भारत की रफ्तार इतनी तेज हो गई है कि सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं.

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India Defence Exports

रक्षा निर्यात की वृद्धि

  • निर्यात का आंकड़ा: 2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये पहुंच गया है.
  • वृद्धि: पिछले साल 2023-24 में यह 21,083 करोड़ रुपये था, जो 12.04 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है. इसमें 2,539 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई.
  • लक्ष्य: 2029 तक रक्षा निर्यात को 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
  • पहले का आंकड़ा: 2004-2014 में रक्षा निर्यात सिर्फ 4,312 करोड़ रुपये था, जो 2014-2024 में 88,319 करोड़ रुपये हो गया.

स्वदेशी उत्पादन

भारत अब अपनी जरूरतें स्वदेशी हथियारों से पूरी कर रहा है. रक्षा मंत्रालय ने पॉजिटिव इंडिजिनाइजेशन लिस्ट के तहत सैकड़ों तरह के हथियार, उपकरण और स्पेयर पार्ट्स के आयात पर रोक लगा दी है. आज भारत हथियारों को विदेश से खरीदने की जगह, उन्हें दुनिया को बेच रहा है.

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डीपीएसयू और प्राइवेट कंपनियां

2024-25 में निर्यात: कुल निर्यात में से डीपीएसयू (डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) ने 8,389 करोड़ रुपये का निर्यात किया, जबकि प्राइवेट कंपनियों ने 15,233 करोड़ रुपये कमाए.

पिछले साल की तुलना में: 2023-24 में डीपीएसयू का निर्यात 5,874 करोड़ रुपये और प्राइवेट कंपनियों का 15,209 करोड़ रुपये था. डीपीएसयू का निर्यात 42.85 प्रतिशत बढ़ा है.

उत्पादन वृद्धि: पिछले 10 सालों में रक्षा उत्पादन 174 प्रतिशत बढ़ा है. 2014-15 में यह 46,429 करोड़ रुपये था, जो 2023-24 में 1,27,265 करोड़ रुपये हो गया. 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है.

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वैश्विक बाजार

  • शीर्ष खरीदार: 2023-24 में अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया शीर्ष खरीदार देश रहे. आज भारत 80 देशों को सैन्य उपकरण बेच रहा है.
  • अमेरिका और फ्रांस: दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्माता और निर्यातक देश, अब भारत से रक्षा उत्पाद खरीद रहे हैं.
  • दुनिया का रुझान: दुनिया के सभी हथियार बनाने वाले देश भारत से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

11 साल की आत्मनिर्भरता की यात्रा में भारत ने रक्षा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है. अब भारत न केवल अपनी सेना को मजबूत कर रहा है, बल्कि दुनिया को हथियार बेचकर अपनी वैश्विक उपस्थिति भी बढ़ा रहा है. 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये के निर्यात और 3 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य भारत को शक्ति बनाएगा.

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