ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना पश्चिमी सीमा पर अपनी लड़ाई की क्षमता बढ़ाने पर फोकस कर रही है, लेकिन अपाचे स्क्वाड्रन को अब भी अपने पहले बैच के कॉम्बैट हेलीकॉप्टर्स की प्रतीक्षा है. अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर्स, जो पश्चिमी सीमा पर तैनात होने वाले थे, अब एक साल से ज्यादा समय से मिले नहीं है.
स्क्वाड्रन की स्थिति
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कारण और अस्पष्टता
अपाचे हेलीकॉप्टर्स का महत्व
पश्चिमी सीमा पर ऑपरेशंस: अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर्स पश्चिमी मोर्चे पर सेना के महत्वपूर्ण ऑपरेशंस को सपोर्ट करेंगे. ये हेलीकॉप्टर्स अपनी फुर्ती, फायर पावर और उन्नत टारगेटिंग सिस्टम्स के लिए जाने जाते हैं.
सेना की ताकत: इन हेलीकॉप्टर्स को सेना की शस्त्रागार का एक प्रमुख हिस्सा माना जाता है.
आईएएफ के पास पहले से: भारतीय वायु सेना (IAF) ने 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर्स इंडक्ट कर लिए हैं, लेकिन सेना को अभी इनकी प्रतीक्षा है.
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भारतीय सेना के एविएशन कॉर्प्स के अन्य एसेट्स
जबकि अपाचे हेलीकॉप्टर्स की प्रतीक्षा है, भारतीय सेना के एविएशन कॉर्प्स के पास अन्य हेलीकॉप्टर्स और विमान हैं, जैसे...
हेलीकॉप्टर्स
एएलएच ध्रुव: मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर, ट्रांसपोर्ट, रेकॉनैसेंस और सर्च एंड रेस्क्यू के लिए.
रुद्र: ध्रुव का हथियारबंद वेरिएंट, क्लोज एयर सपोर्ट और एंटी-टैंक मिशंस के लिए.
चीता और चेतक: लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर्स, रेकॉनैसेंस और लॉजिस्टिक्स के लिए.
एलसीएच: हाई-ऑल्टिट्यूड ऑपरेशंस के लिए, ग्राउंड ट्रूप्स को सपोर्ट करने के लिए.
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फिक्स्ड-विंग एयरक्राफ्ट
डोरनियर 228: लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, रेकॉनैसेंस और कम्युनिकेशन के लिए.
यूएवी (UAVs)
हेरॉन: मीडियम-ऑल्टिट्यूड, लॉन्ग-एंड्योरेंस ड्रोन, सर्विलांस के लिए.
सर्चर: टैक्टिकल ड्रोन, शॉर्ट-रेंज सर्विलांस के लिए.
ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर्स
MI-17: मीडियम-लिफ्ट हेलीकॉप्टर्स, ट्रूप ट्रांसपोर्ट और एवाक्युशन के लिए.
ये सभी एसेट्स भारतीय सेना के एविएशन कॉर्प्स को विभिन्न मिशंस, जैसे बैटलफील्ड सपोर्ट, रेकॉनैसेंस, लॉजिस्टिक्स और कैजुअल्टी एवाक्युशन में मदद करते हैं, जिससे सेना की प्रभावशीलता बढ़ती है.
अपाचे हेलीकॉप्टर्स की देरी के बावजूद, भारतीय सेना के एविएशन कॉर्प्स अन्य एसेट्स के साथ अपनी क्षमताओं को बनाए रख रहा है. लेकिन अपाचे हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी जल्द से जल्द होनी चाहिए, ताकि पश्चिमी सीमा पर सेना की ताकत और बढ़ सके. आने वाले समय में, यह प्रोजेक्ट भारत की रक्षा को और मजबूत करेगा.