मुंबई पुलिस ने एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है जो पुलिस को खुली चुनौती देता था- ‘पकड़ सको तो मुझे पकड़ कर दिखाओ.’ 27 साल के सोनू बानिया कुमार को खुद पर इतना भरोसा था कि वो मुंबई पुलिस के हाथों अपनी गिरफ्तारी को नामुमकिन मानता था. लेकिन उस बदमाश का ज़रूरत से ज़्यादा आत्मविश्वास ही उसे ले डूबा.
आखिर कई दिनों की कोशिश के बाद मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से कुछ लैपटॉप, आईपैड और अन्य इलेक्ट्रोनिक उपकरण बरामद हुए हैं. पुलिस ने सोनू को उस दिन धरा जिस दिन वो वापी गुजरात में जूलरी की तीन दुकानों को लूटने की फिराक़ में था. सोनू ने इसके लिए रेकी भी करने के साथ एक बाइक सवार को अपराध में साथ देने के लिए तैयार कर लिया था.
सोनू फिलहाल सिवरी पुलिस की हिरासत में है. उसके खिलाफ सिवरी में डेढ़ लाख रुपए के लैपटॉप और आईपैड चुराने का मामला दर्ज है. सोनू के ऊपर विभिन्न थानों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. सोनू ने छोटी उम्र से ही अपराध की दुनिया में दस्तक दे दी थी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सोनू अनाथ है और अनाथालय से भागने के बाद अपराधी बन गया. 15 साल की उम्र से ही उसने अपराध करना शुरू कर दिया.
मुंबई पुलिस की डीसीपी रश्मि करांदिकर के मुताबिक सोनू ने यूट्यूब पर वीडियो देख देख कर अपराध की दुनिया के लिए खुद को ट्रेंड किया. एक और पुलिस अधिकारी ने बताया, “अभियुक्त जहां अपराध करना होता था, उस जगह पर नज़र रखने के साथ पुलिस स्टेशनों के आसपास माहौल को भांपने के लिए चक्कर काटता रहता था.
जेल में रहने के दौरान वो दूसरे अपराधियों से सीखता था कि अपराध करने के बाद खुद को पुलिस की गिरफ्तारी से कैसे बचा कर रखा जाए. वो सिम कार्ड लगातार बदलने के साथ अपनी लोकेशन भी बदलता रहता था.” पुलिस को उसका मोबाइल नंबर किसी तरह हाथ लगा तो सोनू ने पुलिस को ही चुनौती दे डाली कि पकड़ सको तो पकड़ कर दिखाओ.
आखिर पुलिस की मेहनत रंग लाई और सोनू उसकी गिरफ्त में आ गया. पुलिस का कहना है कि सोनू का अब ज़मानत पर बाहर आ पाना मुश्किल है क्योंकि उसके खिलाफ बहुत सारे मामले दर्ज हैं.