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डेरा प्रवक्ता की मीडिया को धमकी भरी सलाह- ना दिखाएं राम रहीम के खिलाफ

जानकारों की मानें तो डेरा प्रवक्ता दिलावर इंसा की यह अपील किसी धमकी से कम नहीं है. इस तरह की अपील कर वह डेरा समर्थकों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

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डेरा प्रवक्ता ने मीडिया से की अपील
डेरा प्रवक्ता ने मीडिया से की अपील

डेरा प्रमुख राम रहीम पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट के लिए रवाना हो गए हैं. वह 800 गाड़ियों के काफिले के साथ पंचकूला के लिए निकले हैं. इसी बीच डेरा प्रवक्ता दिलावर इंसा ने कोर्ट से फैसला आने के बाद मीडिया से किसी भी तरह का भड़काऊ कंटेंट न दिखाने की अपील की है.

जानकारों की मानें तो डेरा प्रवक्ता दिलावर इंसा की यह अपील किसी धमकी से कम नहीं है. इस तरह की अपील कर वह डेरा समर्थकों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं डेरा के एक अन्य प्रवक्ता आदित्य इंसा ने गुरुवार को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. उन्होंने कहा, 'कोर्ट के फैसले का सम्मान किया जाएगा. डेरा समर्थक हर हाल में शांति बनाए रखें.'

बताते चलें कि साध्वी से रेप मामले में आरोपी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम पर आज पंचकूला सीबीआई कोर्ट फैसला सुनाएगी. हरियाणा के सिरसा में गुरुवार रात से हालात बिगड़ने की स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है. फैसले को लेकर पंचकूला में हजारों की संख्या में राम रहीम समर्थक मौजूद हैं.

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फैसला आने के बीच राम रहीम ने एक वीडियो जारी किया. वीडियो में उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है. इसके साथ ही बाबा ने समर्थकों से पंचकूला न जाने की भी अपील की है. इसके बावजूद राम रहीम समर्थक पंचकूला से टस से मस होने को तैयार नहीं हैं.

इस मामले में डेरा समर्थकों की धमकी के बाद हाईकोर्ट ने एक पिटीशन पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार को लताड़ लगाई. इस दौरान कोर्ट ने राम रहीम के वकील से कहा, 'डेरा समर्थकों को पंचकूला से वापसी के लिए कहा जाए.' पुलिस और सिक्योरिटी फोर्स ने डेरा समर्थकों को खदेड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. डेरा समर्थकों को हर हाल में पंचकूला छोड़ने के लिए कहा जा रहा है.

क्या है मामला

अप्रैल 2002- राम रहीम की अनुयायी एक साध्वी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक शिकायत भेजी थी. साध्वी ने शिकायत में राम रहीम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.

(पूरा लेटर यहां पढ़ें )

मई 2002- शिकायती पत्र को तस्दीक करने की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को सौंपा गया.

दिसंबर 2002- शिकायत सही पाए जाने के बाद राम रहीम के खिलाफ धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया गया था.

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दिसंबर 2003- इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई. जांच अधिकारी सतीश डागर ने केस की जांच शुरू की और साल 2005-2006 में उस साध्वी को ढूंढ निकाला, जिसका यौन शोषण हुआ था.

जुलाई 2007- सीबीआई ने केस की जांच पूरी कर अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. अंबाला से केस की सुनवाई पंचकूला शिफ्ट कर दी गई. चार्जशीट के मुताबिक, डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं.

अगस्त 2008- केस का ट्रायल शुरू हुआ और डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ आरोप तय किए गए.

साल 2011 से 2016- केस का ट्रायल चला. डेरा प्रमुख राम रहीम की ओर से वकील लगातार जिरह करते नजर आए.

जुलाई 2016- केस की सुनवाई के दौरान 52 गवाह पेश किए गए, इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे.

जून 2017- कोर्ट ने डेरा प्रमुख के विदेश जाने पर रोक लगा दी.

25 जुलाई 2017- सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में हर रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि जल्द फैसला सुनाया जा सके.

17 अगस्त 2017- दोनों पक्षों की ओर से चल रही जिरह खत्म हुई और फैसले के लिए 25 अगस्त की तारीख तय की गई.

 

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