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देहरादून के थाने में बनकर तैयार हुआ उत्तराखंड का पहला 'बाल मित्र सुधार गृह'

बाल अपराधियों की काउंसलिंग के लिए पुलिस के साथ बाल आयोग की टीम भी मौजूद रहेगी. यहां वकील से लेकर डॉक्टर और अध्यापक सभी मौजूद होंगे, जिससे इन बच्चों को एक अच्छे भविष्य की ओर ले जाया जा सके.

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प्रतीकात्मक चित्र (PTI)
प्रतीकात्मक चित्र (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बाल अपराधियों की होगी काउंसलिंग
  • उत्तराखंड का पहला 'बाल मित्र सुधार गृह'
  • बाल अपराधियों को सुधारने के लिए पहल

उत्तराखंड (Uttarakhand) के थानों में बाल अपराधियों के लिए बाल सुधार गृह बनाये जाने हैं. इन बाल सुधार गृह को 'बाल मित्र गृह' का नाम दिया गया है. इसकी शुरुआत देहरादून (Dehradun) के डालनवाला थाने से हो चुकी है. इस थाने में बाल सुधार गृह बनकर तैयार हो गया है और यहां पर बाल अपराधियों के अनुकूल माहौल तैयार किया गया है. 

आपको बता दें कि इस थाने में बाल अपराधियों की काउंसलिंग के लिए पुलिस के साथ बाल आयोग की टीम भी मौजूद रहेगी. यहां वकील से लेकर डॉक्टर और अध्यापक सभी मौजूद होंगे, जिससे इन बच्चों को एक अच्छे भविष्य की ओर ले जाया जा सके.  

ऐसे अपराधी जो अभी छोटे हैं और छोटे-मोटे अपराधों में पकड़े गए हैं उनके लिए उत्तराखंड में अब हर थाने में बाल सुधार गृह बनने की तैयारी चल रही है. छोटे अपराधों में पकड़े गए इन बच्चों के लिए थानों में अलग से बाल सुधार गृह बनाए जाने हैं, जहां पर उनकी काउंसलिंग, मेडिकल और उनसे पूछताछ आदि की जाएगी.

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मालूम हो कि थानों में अलग से बाल सुधार गृह बनाए जाने का उद्देश्य ऐसे बच्चों के लिए है, जो जाने-अनजाने अपराध की दिशा में गए हों और उनको सुधार करके वापस शिक्षा की ओर मुख्य धारा से जोड़ा जा सके. इसी क्रम में देहरादून के डालनवाला थाने उत्तराखंड का पहला 'बाल मित्र गृह' बनकर तैयार हो गया है. बाल सुधार गृह का बाल आयोग की अध्यक्षा और देहरादून मेयर ने निरीक्षण भी किया है. 

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