Delhi Lajpat Nagar Double Murder Case: दिल्ली के लाजपत नगर में मौजूद एक कारोबारी के घर में ही उनकी 41 साल की पत्नी और 14 साल के बेटे का क़त्ल हो जाता है. कत्ल करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके घर में काम करने वाला उनका नौकर था. पुलिस मामले में तेजी से कार्रवाई करती है और कातिल नौकर को पकड़ लेती है. कातिल की गिरफ्तारी हो जाने के बाद खुद कातिल कैमरे पर कत्ल का राज खोलता है. ये कहानी दिल दहला देने वाली है.
एक कातिल कैसा दिखता है? एक कातिल की आंखे कैसी होती हैं? एक कातिल के चेहरे का भाव क्या होता है? एक कातिल बोलता कैसे है? और इन सबसे ज्यादा अहम सवाल ये कि जब एक इंसान अपने ही जैसे किसी इंसान का कत्ल करता है तो उसके दिमाग में क्या चल रहा होता है? आपको इन सारे सवालों के जवाब बस एक फ्रेम में मिल जाएंगे. पर इसके लिए जरूरी है कि आप पूरे ध्यान से इस कहानी को पढ़ें.
कातिल कैमरे पर बोलता है कि वो मुझसे एडवांस लिए गए पैसे और फोन वापस मांग रहे थे. कातिल किसी को खुंदक में धप्पड़ या लात-घूंसा मारने की बात नहीं कर रहा था. वो सीधे-सीधे मारने मतलब जान से मारने की बात कह रहा था. यानि कत्ल करने की बात कर रहा था.
पर उसने सिर्फ एक कत्ल नहीं किया था. अभी तक जो पढ़ा वो सिर्फ ये पहले कत्ल की कहानी सुना रहा था. इसके बाद होता ये है कि जिस महिला का इस कातिल ने कत्ल किया उसके 14 साल के बेटे ने इसे अपनी आंखों के सामने अपनी मां का कत्ल करते देख लिया था. बस इसी वजह से अब वो दूसरा कत्ल करता है. और इस दूसरे कत्ल की वजह भी खुद ही बताता है. वो कहता है, 'उसने मुझे कत्ल करते देख लिया था. वो चिल्ला रहा था. शोर मचा रहा था. इसलिए मार दिया.'
आधे छुपे चेहरे, दोनों खुली आंखें और इस आधे चेहरे के भाव के साथ साथ उसकी आवाज को सुनकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है कि उसने दो दो कत्ल यानि डबल मर्डर किए हैं. उसके चेहरे के भाव या उसकी आवाज से पता ही नहीं चलता है कि वो कुछ घंटे पहले दिल्ली के लाजपत नगर में रहने वाले 41 साल की एक महिला और 14 साल के उसके बेटे का कत्ल कर चुका है.
वैसे कातिल का नाम मुकेश है. लेकिन असल में वो लाजपत नगर में मौजूद राम निवास का रावण है. राम निवास में चार लोगों का एक परिवार रहा करता था. कुलदीप, कुलदीप की पत्नी रुचिका, 14 साल का बेटा कृष और एक बेटी. परिवार के मुखिया कुलदीप की लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में कपड़े की दुकान है. जबकि कुलदीप की बड़ी बेटी दिल्ली के बाहर पढाई कर रही है.
रोजाना की तरह कुलदीप बुधवार की रात करीब 9 बजकर 40 मिनट पर दुकान से घर पहुंचे. पर घंटी बजाने पर भी रुचिका ने दरवाजा नहीं खोला. इसी बीच कुलदीप की नजर दरवाजे के बाहर सीढियों पर खून के निशान पर पड़ी. घबराए कुलदीप ने अब रुचिका के मोबाइल पर फोन करना शुरु किया पर रुचिका ने फोन भी नहीं उठाया. तब कुलदीप ने सीधे पुलिस को फोन घुमा दिया.
बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई. अंदर का मंजर दहलाने वाला था. बेडरूम में रुचिका की खून से लथपथ लाश पड़ी थी. गला किसी तेजधार हथियार से काटा गया था. इसके बाद कुलदीप और पुलिसवाले ढूंढते ढूंढते बाथरूम में पहुंचे. वहां 14 साल के कृष की लाश पड़ी थी. खून से लथपथ. फौरन दोनों को अस्पताल ले जाया गया. पर दोनों की मौत पहले ही हो चुकी थी.
अब लाजपत नगर पुलिस ने तफ्तीश शुरु की. सबसे पहले घर के बाहर के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया. कैमरे में कातिल दिखाई दे गया. बुधवार रात को ही कुलदीप के घर आने से पहले मुकेश पहले घर के अंदर जाता हुआ और फिर बदहवास बाहर निकलता हुआ नजर आता है. कुलदीप से पता चला कि मुकेश उनकी दुकान पर काम करता है. साथ ही कुलदीप की गाड़ी भी चलाता है. मुकेश के मोबाइल पर फोन किया गया तो फोन बंद मिला. बाद में मोबाइल के सर्विलांस और सीसीटीवी कैमरों की मदद से पता चला कि मुकेश नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ गया है. पुलिस ने जब स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला तो पता चला वो रात को ही पटना जाने वाली एक ट्रेन में सवार हो गया.
इसी के बाद लाजपत नगर पुलिस ने यूपी पुलिस और रेलवे पुलिस से संपर्क किया. कोशिश रंग लाई. सुबह मुगलसराय जंक्शन पर यूपी पुलिस और रेलवे पुलिस के ज्वॉइंट ऑपरेशन में मुकेश को ट्रेन से धर दबोचा. गिरफ्तारी के बाद मुकेश को चंदौली पुलिस स्टेशन लाया गया. साथ ही उसकी गिरफ्तारी की खबर फौरन दिल्ली पुलिस को दी गई. दिल्ली पुलिस की एक टीम उसे दिल्ली लाने के लिए दिल्ली से रवाना हो गई.
शुरुआती तफ्तीश के बाद ये पता चला कि मुकेश पिछले तीन सालों से कुलदीप की दुकान पर काम करता था. पर वो छुट्टियां बहुत लेता था. तफ्तीश के दौरान ये भी पता चला कि पिछले हफ्ता भर से मुकेश दुकान पर नहीं जा रहा था. कुलदीप जब भी उससे पूछते वो कहता कल से आ जाऊंगा. कुलदीप के एक और कर्मचारी ने बुधवार की शाम को ही कुलदीप को टोका था कि वो काम पर क्यों नहीं जा रहा. इसके बाद उसने वीडियो कॉल पर मुकेश की बात कुलदीप की पत्नी रुचिका से कराई.
इसी बातचीत के कुछ देर बाद ही मुकेश कुलदीप के घर पहुंच गया. मुकेश ने कुलदीप से 40 हजार रुपये एडवांस भी ले रखा था. ऊपर से वो काम पर भी नहीं जा रहा था. इसी बात पर कुलदीप की पत्नी रुचिका ने उसे टोकना शुरु कर दिया और बस इसी बात पर मुकेश ने चाकू से रुचिका का कत्ल कर दिया. इत्तेफाक से तब घर में रुचिका का 14 साल का बेटा कृष भी मौजूद था. उसने अपनी मम्मी का कत्ल होते देख लिया. कृष डर गया और वो चीखता हुआ भागने लगा. अब मुकेश ने उसी चाकू से कृष को पकड़कर उसे भी मार डाला.
मुकेश के पिता और भाई भी दिल्ली में ही नौकरी करते हैं. मुकेश के पिता ने ही उसे कुलदीप के यहां नौकरी पर लगवाया था. पुलिस के मुताबिक कत्ल के बाद मुकेश बिहार में अपने गांव वैशाली जिला में जाकर छुपने की तैयारी कर रहा था. चंदौली पुलिस स्टेशन में ही किसी ने मुकेश से ये सवाल पूछा था कि क्या वो दिल्ली के लाजपत नगर में दो लोगों का कत्ल कर यहां आया है. उसने हां में जवाब दिया था. दरअसल, वो भागकर बिहार में मौजूद अपने गांव में जाकर छुप जाना चाहता था. लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसका प्लान नाकाम कर दिया.
(मुगलसराय से उदय गुप्ता और दिल्ली से हिमांशु मिश्रा का इनपुट)