उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सामने आए इंटरनेशनल धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच लगातार जारी है. यूपी एटीएस की तफ्तीश में सामने आया है कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अब सिर्फ एक आरोपी नहीं, बल्कि एक ऐसे नेटवर्क का चेहरा बन गया है, जो वर्षों से सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की साजिश रचता रहा. एटीएस की जांच में कई बड़े और चौंका देने वाले खुलासे सामने आए हैं.
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि छांगुर बाबा और उसके गुर्गे उन सभी के खिलाफ बलात्कार जैसे गंभीर फर्जी केस दर्ज करवा देते थे, जो उनकी खिलाफत करता था. उसकी स्थानीय पुलिस में बहुत मजबूत पकड़ थी. सूत्रों के मुताबिक, कई पुलिस अधिकारी उसके खेल में मोहरे बने हुए थे, जिनके नाम अब पुलिस की रडार पर हैं. छांगुर बाबा के पैसे और रसूख के आगे स्थानीय तंत्र खामोश रहता था.
'लव जिहाद' की ट्रेंड फौज, टारगेट पर हिंदू लड़कियां
छांगुर बाबा के एक और खतरनाक मॉडल का खुलासा हुआ है. उसने एक 'लव जिहाद ब्रिगेड' तैयार की थी. इसमें चॉकलेटी चेहरे वाले मुस्लिम युवकों को शामिल किया गया था. उनको हिंदू बनाकर सोशल मीडिया पर हिंदू लड़कियों को टारगेट करने की ट्रेनिंग दी जाती थी. हर जिले में ऐसे लड़कों का नेटवर्क सक्रिय था. इस सिंडिकेट का सबसे खतरनाक सदस्य बदर सिद्दीकी के रूप में सामने आया है.
सिंडिकेट का सबसे खतरनाक सदस्य बदर सिद्दीकी
मेरठ का रहने वाला बदर सिद्दीकी सोशल मीडिया पर कई लड़कियों को शिकार बना चुका है. आशंका है कि दर्जनभर से ज्यादा लड़कियां गायब हैं. उन्हें दुबई और अन्य मिडल ईस्ट देशों में तस्करी के लिए भेज चुका है. छांगुर बाबा के चंगुल से निकली सोनू नामक पीड़िता ने बताया कि किस तरह लड़कियों को पहले प्यार में फंसाया जाता था, फिर उनसे धर्म परिवर्तन करवाया जाता और बाद में बेच दिया जाता.
पीड़िता सोनू की आपबीती से एटीएस को फायदा
सोनू की आपबीती ने एटीएस के सामने नए दरवाज़े खोल दिए हैं. इस बीच जांच में एक और साजिश का पर्दाफाश हुआ है. छांगुर बाबा की करीबी नीतू उर्फ नसरीन गिरफ्तारी से पहले अपनी करोड़ों की जमीन को गिफ्ट डीड (हिबानामा) के जरिए ट्रांसफर करने की फिराक में थी. इस पूरे ऑपरेशन का मास्टरमाइंड गुलाम रब्बानी था. मौजूद दस्तावेजो से साफ है कि 16 जून को गुलाम रब्बानी ने कागजात तैयार करवाए थे.
विनय पांडे ने किया था सबसे पहले खुलासा
उस समय नसरीन पुलिस से छिपती फिर रही थी. इनका मकसद गिफ्ट डीड कराकर करोड़ों की संपत्ति को हवाला के जरिए दुबई भेजना था. लेकिन पुलिस ने समय रहते गिरफ्तारी कर इस साजिश पर रोक दिया. इस पूरे मामले में एक और बड़ा खुलासा सामने आया है. आजतक से एक्सक्लूसिव बातचीत में विनय पांडे नामक शख्स ने दावा किया कि पुलिस को छांगुर बाबा और उसके नेटवर्क की जानकारी सबसे पहले उसने दी थी.
खुलासे के बाद अब आया राजनीतिक भूचाल
विनय पांडे ने कहा, ''मेरे पास पुख्ता सबूत थे. यही वजह थी कि एटीएस इतनी बड़ी कार्रवाई कर पाई. ये सिंडिकेट सिर्फ यूपी या हिंदुस्तान तक सीमित नहीं है. इसके तार कई देशों से जुड़े हैं. ये कोई अकेले छांगुर बाबा की साजिश नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह है जो खतरनाक एजेंडा चला रहा है.'' इस पूरे खुलासे के बाद अब राजनीतिक भूचाल भी आ गया है. राजनीतिक दलों द्वारा कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है.