कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (omicron variant) को लेकर काफी चर्चा देखने को मिल रही है. जब पूरी दुनिया को लगने लगा था कि अब कोरोना (corona virus India) का खतरा कम होने लगा है, तभी इस नए वैरिएंट ने फिर चिंता में डाल दिया. अब इस वैरिएंट के ओरिजिन को लेकर विवाद हो गया है.
Omicron के ओरिजिन पर सवाल
कहा जा रहा है कि साउथ अफ्रीका से भी पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट ने यूरोप के देशों में दस्तक दे दी थी. एक नई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है. उस रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी यूरोप में 11 दिन पहले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट वाले मामले मिलने शुरू हो गए थे. कुछ लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट 19 नवंबर से 23 नवंबर के बीच की बताई जा रही है.
लेकिन इस रिपोर्ट में ये सवाल भी खड़ा किया जा रहा है कि जो लोग यूरोप में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए थे, उन्होंने क्या बीते दिनों दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था या नहीं. अब ये सवाल ही ओमिक्रॉन वैरिएंट के ओरिजिन को लेकर विवाद पैदा कर रहा है.
हैरानी की बात तो ये भी है कि इस रिपोर्ट के बाद जर्मनी और बेल्जियम ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उनके यहां 24 नवंबर से पहले ही ओमिक्रॉन के मामले मिलने शुरू हो गए थे. अब 24 नवंबर की तारीख इसलिए मायने रखती है क्योंकि इसी दिन साउथ अफ्रीका की तरफ से पूरी दुनिया को इस नए वैरिएंट के बारे में बताया गया था.
अफ्रीका ने किया सतर्क, दुनिया का एक्शन
दक्षिण अफ्रीका ने ही इस बात को स्वीकार किया कि उनके देश में ओमिक्रॉन नाम का खतरनाक कोरोना वैरिएंट फैलना शुरू हो गया है. अब क्योंकि उनकी तरफ से सबसे पहले पूरी दुनिया को आगाह किया गया है, उसके बाद ही कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका पर ट्रैवल बैन लगाना शुरू कर दिया.
साउथ अफ्रीका जरूर इसे एक सजा के तौर पर देख रहा है लेकिन कई देश अब फिर कोरोना की नई लहर को लेकर चिंतित हो गए हैं. WHO की तरफ से भी ओमिक्रॉन वैरिएंट को खतरनाक माना गया है. इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न कहा गया है. लेकिन इस वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन कितनी कारगर है, ये अभी तक स्पष्ट नहीं है.