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आजतक की खबर का असर, बिहार के इस कोविड अस्पताल में 15 डॉक्टरों की जल्द होगी बहाली

बिहार में कोसी और सीमांचल क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल में व्याप्त अव्यवस्थाओं की Aajtak.in ने पोल खोली, जिसके बाद सरकारी अमले की आंखें खुल गई हैं. कोसी प्रमंडल के कमिश्नर ने हॉस्पिटल में 15 डॉक्टरों की शीघ्र बहाली के आदेश दिए हैं. 

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जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मधेपुरा
जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, मधेपुरा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कमिश्नर ने दिए 15 डॉक्टरों की बहाली के आदेश
  • आजतक ने हॉस्पिटल की अव्यवस्थाओं की खोली थी पोल 
  • जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज  का है मामला 

बिहार में कोसी और सीमांचल क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज को बिहार सरकार ने पूर्ण रूप से कोविड-19 अस्पताल के रूप चिन्हित किया है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमाराई हुई थीं. इसके बाद आजतक की टीम ने इस मेडिकल कॉलेज की पोल खोलते हुए प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया, जिस पर 24 घंटे के अंदर ही संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने यहां 15 डॉक्टरों की बहाली का आदेश दिया है. 

मधेपुरा के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में आजतक की टीम पहुंची. यहां की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को दिखाया गया. 18 घंटे से हॉस्पिटल में बिजली गायब थी. जनरेटर के सहारे हॉस्पिटल में मरीजों के वेंटिलेटर चल रहे थे. स्टाफ की कमी से हॉस्पिटल जूझता नजर आया. वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. जी के मिश्रा से बात की, तो उन्होंने बताया कि बेहद ही कम स्टाफ है, उसके सहारे लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास किया जा रहा है. 

ये बोले कमिश्नर 
वहीं आजतक पर खबर प्रकाशित होने के 24 घंटे के अंदर ही कोसी प्रमंडल के कमिश्नर कुमार राहुल महिवाल ने मंगलवार को अस्पताल का दौरा किया और उसके बाद उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अस्पताल में रिक्तियों को लेकर 10 मई को वॉक इन इंटरव्यू करवाया जाएगा, जिसके जरिए 15 डॉक्टरों की बहाली की जाएगी.

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स्टाफ की भारी कमी 
बता दें कि मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. राकेश कुमार ने खुद कैमरे पर कुबूल किया था कि सरकार ने इस अस्पताल को 500 बेड का कोविड-19 अस्पताल के रूप में चिन्हित तो कर दिया हैय, मगर डॉक्टरों की कमी और ऑक्सीजन की कमी के कारण केवल 100 बेड मरीजों के लिए कार्यरत हैं. वहीं 680 में से हॉस्पिटल के 482 पद खाली हैं. पिछले साल मार्च में इस नवनिर्मित सरकारी अस्पताल का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गाजे-बाजे के साथ उद्घाटन किया था. 

फाइव स्टार होटल की तरह दिखता है हॉस्पिटल 
यह अस्पताल बाहर से देखने में एक फाइव स्टार होटल की तरह भव्य दिखता है. 25 एकड़ में 800 करोड़ रुपये की लागत से इस अस्पताल को बनाने के पीछे उद्देश्य था कि कोसी और सीमांचल क्षेत्र के तकरीबन आधा दर्जन जिले जैसे सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और भागलपुर, के मरीज यहां पर अपना इलाज करवा पाएं. 

 

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