बाजार में तेजी है, तो सुमित खुश है. लेकिन खुश इस बात को लेकर है कि उसके पोर्टफोलियो में अब नुकसान कम दिख रहा है. यानी अभी भी सुमित प्रॉफिट से काफी दूर है. सुमित का कहना है कि वो पिछले करीब डेढ़-दो साल में शेयर बाजार में निवेश कर रहा है. अप्रैल के पहले हफ्ते तक भारी नुकसान हो रहा था. लेकिन पिछले हफ्ते बाजार में आई तेजी से अब नुकसान कम हो गया है. हालांकि पोर्टफोलियो ग्रीन होने में अभी भी वक्त लग सकता है.
सुमित की मानें तो 6 महीने पहले पोर्टफोलियो करीब ढाई लाख रुपये का था, जिसमें 20 फीसदी से ज्यादा प्रॉफिट था. धीरे-धीरे बाजार गिरता गया और प्रॉफिट भी साफ होता गया, फिर कैपिटल भी हर रोज घटने लगा. कुल निवेश 2.20 लाख रुपये का था. इसी महीने निवेश की राशि घटकर 1.50 लाख रुपये हो गई थी. लेकिन अब बाजार में तेजी से बाद पोर्टफोलियो में सुधार आया है, और अब केवल 20 हजार रुपये का नुकसान हो रहा है, यानी अभी करीब 10 फीसदी का नुकसान हो रहा है.
पोर्टफोलियो अब भी रेड, क्या करें?
सुमित खुश इस बात से है कि पहले तो एक समय करीब 70 हजार रुपये का नुकसान हो रहा था, वो अब घटकर केवल 20 हजार रह गया है. लेकिन सवाल उठता है कि सुमित प्रॉफिट में कब जाएगा? क्योंकि बाजार अभी ऑलटाइम हाई से करीब 8 से 10 फीसदी नीचे है. दरअसल, सुमित जैसे लाखों ऐसे निवेशक हैं, जिनका पोर्टफोलियो डायवर्सीफाई नहीं हैं, यानी रिस्क (Risk) के हिसाब से नहीं है. इसलिए ज्यादा नुकसान हो रहा है.
सुमित ने बताया कि उनके पोर्टफोलियो में Gensol, Paytm और OLA Electric के शेयर्स हैं, अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि पोर्टफोलियो में इतना बड़ा नुकसान क्यों हो रहा है? आम निवेशक बड़ी उम्मीद के बाद बाजार में पैसे लगाते हैं. लेकिन अधिकतर रिटेल निवेशक स्टॉक्स के चयन में गलती कर जाते हैं. कोई सोशल मीडिया पर किसी की सलाह देखकर शेयर खरीद लेते हैं, तो कोई दोस्त को देखकर शेयर में पैसे लगा देते हैं. अधिकतर रिटेल निवेशक गलत स्टॉक्स सेलेक्शन के चक्कर में ही गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं.
सुमित को क्या करना चाहिए?
सुमित जैसे लाखों निवेशकों का पोर्टफोलियो अभी भी रेड है. उनका दर्द छलक रहा है कि पोर्टफोलियो फिर कब ग्रीन होगा? कोविड के बाद तेजी से बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. और पिछले 3 साल से बाजार में भी तेजी देखने को मिल रही है, फंडामेंटली वीक शेयर भी भाग रहे थे, जिसे अधिकतर रिटेल निवेशकों ने खरीद लिए, जो कि गिरावट में पोर्टफोलियो को एक तरह से बर्बाद कर देता है.
एक्सपर्ट की मानें तो रिटेल निवेशकों को अभी इंतजार करना चाहिए. अगर आपके पोर्टफोलियो में भी फंडामेंटली मजबूत स्टॉक्स हैं और वो बहुत ज्यादा गिर गए हैं तो उसमें कुछ स्टॉक्स और जोड़ सकते हैं, ताकि आगे चलकर ज्यादा प्रॉफिट मिल सके. इसके अलावा अगर आपके पोर्टफोलियो में ऐसे शेयर हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं है तो फिर उसे बेचकर बाहर निकल सकते हैं, उस पैसे को मजबूत कंपनी के स्टॉक्स में लगा सकते हैं.
रिटेल निवेशक करते हैं ये गलती
यही नहीं, पोर्टफोलियो में केवल ज्यादा रिटर्न की लालच में केवल स्मॉलकैप शेयर न रखें. एक्सपर्ट्स की मानें तो नए रिटेल निवेशक को सबसे पहले कैपिटल बचाने की जरूरत होती है. इसलिए शुरुआत में 50 से 60 फीसदी रकम लॉर्जकैप कंपनियों में लगाएं, उसके बाद 20 से 30 फीसदी पैसा मिडकैप स्टॉक्स में निवेश करें, जबकि सबसे कम करीब 20 फीसदी पैसे स्मॉलकैप में लगाएं. फिर जब आप मार्केट को अच्छी तरह से समझने लग जाएं तो शेयर में निवेश को लेकर फेरबदल कर सकते हैं.
बता दें, पिछले 6 दिनों से भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है. इसी महीने बाजार गिरकर 22000 अंक के नीचे फिसल गया था. जहां से बाजार में एकतरफा रैली देखने को मिली है. निफ्टी 24250 अंक से ऊपर कारोबार कर रहा है. जबकि 7 अप्रैल को निफ्टी गिरकर 22100 अंक के करीब पहुंच गया है. निफ्टी का ऑलटाइम हाई 26277 अंक है, जहां से इंडेक्स (Index) अभी करीब 2000 अंक नीचे है, जबकि 7 अप्रैल के बाद से निफ्टी करीब 2100 अंक ही चढ़ चुका है, यानी पिछले 6 महीने में जितनी गिरावट आई थी. उसमें आधी रिकवरी देखने को मिल चुकी है.
(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)