1 जनवरी से कई नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. बैंक संबंधी कई नियम, जो आम लोगों से जुड़े हुए हैं, वह बदलने जा रहे हैं. ऐसा ही एक नियम फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) से जुड़ा हुआ है. आरबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसे हर उस व्यक्ति को जानना चाहिए, जो एफडी में निवेश के बारे में सोच रहे हैं या निवेश कर रखा है.
1 जनवरी 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) और गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए अपडेट किए गए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को लागू किया जाएगा. अगस्त में इन संशोधित दिशा-निर्देशों को जारी किया गया था. इसमें पब्लिक डिपॉजिट का अप्रूवल और रिपेमेंट, नॉमिनेशन, इमरजेंसी एक्सपेंसेस, डिपॉजिट के बारे में डिपॉजिटर्स को नोटिफाई करना जैसी चीजों को शामिल किया गया है.
कौन-कौन से बदल रहे नियम?
अन्य क्या होगा अपडेट?
नॉमिनेशन अपडेट: NBFC को अच्छे से भरे गए नामांकन फॉर्म की प्राप्ति, नामांकन को रद्द करने या उसमें बदलाव करने की पावती देने के लिए उचित प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी गई है. सभी ग्राहकों को यह पावती प्रदान करना महत्वपूर्ण है, चाहे अनुरोध किया गया हो या नहीं.
पासबुक में नामांकित व्यक्ति का जिक्र: NBFC को पासबुक या रसीदों पर नामांकन का विवरण दर्ज करने पर विचार करना चाहिए. इसमें कस्टमर्स की सहमति से "नॉमिनेशन रजिस्टर्ड" और नामांकित व्यक्ति का नाम लिखना शामिल होना चाहिए.
निकासी संबंधी प्रावधान: RBI के अनुसार, सार्वजनिक जमा रखने वाले व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को जमा की तारीख से तीन महीने के भीतर समयपूर्व निकासी का अनुरोध करने की अनुमति है. ऐसे मामलों में मूल राशि का अधिकतम 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) बिना किसी ब्याज के निकाला जा सकता है. बाकी अमाउंट पर सहमत दर पर ब्याज मिलता रहेगा और सार्वजनिक जमा के लिए मानक विनियमों का पालन किया जाएगा.
गंभीर बीमारी के मामले में: गंभीर बीमारी के मामलों में डिपॉजिटर्स के पास जमा की तारीख से तीन महीने के समय से पहले अपनी मूल जमा राशि की पूरी निकासी का अनुरोध करने का विकल्प होता है. यह विड्रॉल बिना किसी ब्याज के जारी किया जाता है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह प्रावधान मौजूदा जमा कॉन्ट्रैक्ट पर भी लागू होता है, जो पहले शुरुआती तीन महीनों के भीतर समय से पहले निकासी के अधिकार की अनुमति नहीं देते थे.
डिपॉजिट मैच्योरिटी की जानकारी: पहले NBFC को डिपॉजिटर्स को उनकी जमाराशि की मैच्योरिटी डेट के बारे में कम से कम दो महीने पहले सूचित करना आवश्यक था. हालांकि अब इस अधिसूचना अवधि को संशोधित कर 14 दिन कर दिया गया है. एनबीएफसी को अब जमाकर्ताओं को जमाराशि की परिपक्वता से कम से कम 14 दिन पहले मैच्योरिटी डेट के बारे में सूचित करना अनिवार्य है.