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Mulayam Singh Yadav Property: कितनी संपत्ति के मालिक थे मुलायम सिंह यादव? केवल ये एक कार उनके नाम

Mulayam Singh Yadav: 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मैनपुरी सीट से चुनावी पर्चा भरते हुए उन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी दी थी. मुलायम सिंह की आर्थिक संपत्ति किसे मिलेगी ये तो फिलहाल साफ नहीं है, लेकिन मुलायम सिंह ने जीते-जी अपनी राजनीतिक विरासत अखिलेश यादव को सौंप दी थी.

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मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन (फाइल फोटो)
मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में निधन (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी के संरक्षक और तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह (Mulayam Singh Yadav) ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया. जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह यादव पहले शिक्षक बने और फिर अखाड़े की मिट्टी को लपेटकर सियासत के मैदान कूदे, और सत्ता के शीर्ष तक सफर तय किया.

मुलायम सिंह अपने परिवार के लिए एक बड़ी राजनीतिक विरासत छोड़ गए और अपने दोनों बेटों- अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और प्रतीक यादव (Prateek Yadav) के लिए करोड़ों की संपत्ति. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मैनपुरी सीट से चुनावी पर्चा भरते हुए उन्होंने हलफनामे में अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी दी थी.

कितनी है संपत्ति?

मुलायम सिंह यादव की संपत्ति की बात करें तो 2019 में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) के दौरान दाखिल किए गए हलफनामे (Affidavit) के अनुसार, उनकी कुल नेटवर्थ (Mulayam Singh Networth) 16.52 करोड़ रुपये थी. अपनी इस अचल संपत्ति का खुलासा करने के साथ ही उन्होंने जो जानकारी मुहैया कराई थी, उसके मुताबिक मुलायम सिंह और उनकी पत्नी साधना यादव (Sadhana Yadav) की सालाना कमाई 32.02 लाख रुपये थी. 

बेटे से लिया 2 करोड़ से ज्यादा का कर्ज

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करोड़ों की संपत्ति मौजूद होने के बाद भी उनके ऊपर 2,13,80,000 रुपये का कर्ज (Debt) था. खास बात ये थी ये कर्ज उन्होंने खुद अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से लिया था. हालांकि, यह कर्ज उन्होंने क्यों लिया था इस बात का हलफनामे जिक्र नहीं था. रिपोर्ट के अनुसार, मुलायम सिंह के पास एक Camry Toyota Car Reg कार थी. 

अखिलेश को सौंपी सियासी विरासत

मुलायम सिंह ने अपनी पूरी राजनीतिक विरासत अपने बड़े बेटे अखिलेश यादव को सौंप दी. साल 2012 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जब समाजवादी पार्टी जीतकर आई, तो मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री की गद्दी अखिलेश यादव को सौंप दी. इसके सियासत में अखिलेश का कद बढ़ता गया और जब मुलायम सिंह का स्वास्थ खराब रहने लगा, तो अखिलेश ने पार्टी की जिम्मेदारी भी संभाल ली.

बहू ने ज्वॉइन कर ली थी बीजेपी

दूसरी तरफ उनके छोटे बेटे प्रतीक राजनीति में एक्टिव नहीं हैं. हालांकि, उनकी पत्नी अपर्णा यादव राजनीति में सक्रिय हैं. 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अपर्णा ने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. कुल मिलाकर देखें, तो मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत पर सिर्फ अखिलेश यादव का अधिकार नजर आता है.

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मुलायम सिंह यादव की सियासी विरासत साफ तौर पर अखिलेश यादव के पास, लेकिन उनकी आर्थिक संपत्ति का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रतीक यादव रियल स्टेट का कारोबार करते हैं. बता दें कि मुलायम सिंह की दो शादी हुई थी.

मुलायम सिंह ने दो शादियां की थीं. पहली पत्‍नी मालती देवी थीं, जिनका 2003 में निधन हो गया था. अख‍िलेश यादव मालती देवी और मुलायम सिंह के बेटे हैं. मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्‍ता थीं, 9 जुलाई 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका निधन हुआ था. प्रतीक यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्ता के बेटे हैं.

3 करोड़ घटी थी दौलत  

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की संपत्ति में पांच साल के भीतर करीब 3 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई थी. इसमें कहा गया था कि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान मुलायम सिंह यादव की ओर से दाखिल हलफनामे में जो जानकारी दी गई थी, उसके मुताबिक उनकी नेटवर्थ 19.72 रुपये थी. जो पांच साल बाद यानी 2019 में 16.52 करोड़ रुपये रह गई थी. 

किसानों की लड़ाई लड़ी

22 नवंबर 1939 को यूपी के इटावा जिले के सैफई गांव में जन्में मुलायम सिंह राममनोहर लोहिया के विचारों से काफी प्रभावित थे. 1950 के दशक में उन्होंने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह उन्हें 'लिटिल नेपोलियन' कहकर बुलाते थे. मुलायम सिंह ने साल 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव जीता और सबसे कम उम्र में विधायक बनकर राजनीतिक करियर शुरू किया.

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8 बार विधायक और 7 बार रहे सांसद

मुलायम सिंह यादव 8 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं. वो देश के रक्षा मंत्री भी रहे हैं. मुलायम 1 जून 1996 से 19 मार्च 1998 तक रक्षा मंत्री रहे. क्टूबर 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी बनाई. मुलायम सिंह यादव का ये बड़ा कदम था, जो उनके राजनीतिक करियर को नई ऊंचाइयों पर ले गया.

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